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बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों का आकर्षण बढ़ा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:18 AM IST

बढ़ती मुद्रास्फीति की चिंताओं से अस्थिरता बढऩे के बीच निवेशक बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि बॉन्ड प्रतिफल में तेजी और इक्विटी बाजारों में अनिश्चितता से ऐसे फंडों का आकर्षण बढ़ रहा है।
ये फंड बाजार हालात के आधार पर इक्विटी और डेट के बीच अपने परिसंपत्ति आवंटन में बदलाव लाते हैं।
भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के आंकड़े से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों में 29,300 करोड़ रुपये से ज्यादा का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया है।
अकेले अगस्त में, इस श्रेणी ने 16,571 करोड़ रुपये का निवेश प्रवाह आकर्षित किया, हालांकि यह तेजी काफी हद तक एसबीआई बैलेंस्ड एडवांटेज फंड की नई फंड पेशकश (एनएफओ) की वजह से आई थी। इस एनएफओ के जरिये 14,551 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।
पिछले महीने, इस श्रेणी ने 5,234 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया, जो उससे पूर्ववर्ती महीने के मुकाबले ज्यादा था।
इसके परिणामस्वरूप, अन्य परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां भी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी का लाभ उठाने की संभावना तलाश रही हैं।
एलआईसी म्युचुअल फंड (एमएफ) ने 20 अक्टूबर को अपना बैलेंस्ड एडवांटेज फंड पेश करने की योजना बनाई है। हाल में, ऐक्सिस म्युचुअल फंड (एमएफ) ने अपने मौजूदा ऐक्सिस डायनेमिक इक्विटी फंड का नाम बदलकर ऐक्सिस बैलेंस्ड एडवांटेज फंड किया है। इस योजना का परिसंपत्ति आवंटन अब घरेलू प्रॉपराइटरी शर्तों के अधीन होगा।
ऐक्सिस एएमसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी चंद्रेश निगम ने कहा, ‘निवेशकों के तौर पर, हम इस विश्वास के साथ निवेश करना चाहेंगे कि हमारा निवेश बाजार अस्थिरता का शिकार नहीं होगा। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड निवेशकों को ऐसी ढांचागत प्रक्रिया के जरिये इक्विटी जोखिम से बचने की अनुमति देते हैं जो इक्विटी निवेश का गतिशीलता के साथ प्रबंधन करती है। हमारा मानना है कि बैलेंस्ड एडवांटेज फंड निवेशकों के निवेश अनुभव में बदलाव लाएंगे और उन्हें जोखिम प्रबंधन के साथ साथ इक्विटी की दीर्घावधि विकास संभावनाओं से लाभ हासिल करने में भी सक्षम बनाएंगे।’
सितंबर में 60,000 के निशान को पार करने के बाद सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव देखा गया है, क्योंकि घरेलू के साथ साथ वैश्विक चिंताओं का भी निवेशक धारणा पर असर पड़ा है। दूसरी तरफ, 10 वर्षीय बॉन्ड प्रतिफल इस अवधि के दौरान चढ़ा है।
ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर एवं लीडर (फाइनैंशियल सर्विसेज कंसल्टिंग) जयकृष्णन जी का कहना है कि बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों में वृद्घि को तीन मुख्य कारकों से मजबूती मिली है – ज्यादा तरलता, नए निवेशकों की संख्या में वृद्घि, और बाजार अस्थिरता की आशंका।
जयकृष्णन का कहना है, ‘हम नए छोटे निवेशकों की संख्या में तेजी देख रहे हैं, और वे कम प्रतिफल वाले पारंपरिक निवेश के मुकाबले म्युचुअल फंडों को पसंद कर रहे हैं। साथ ही बाजार में संभावित गिरावट की आशंका को देखते हुए भी ये निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं और फंडों पर दांव लगाना बेहतर समझ रहे हैं।’
वैल्यू रिसर्च के आंकड़े से पता चलता है कि डायनेमिक ऐसेट एलोकेशन फंडों ने पिछले एक साल में 22.62 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है। वहीं, लंबी अवधि में भी ये फंड दो अंक का प्रतिफल देने में सफल रहे हैं।

First Published : October 12, 2021 | 11:28 PM IST