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होटल, मल्टीप्लेक्स, रिटेल शेयरों में नरम पड़ी तेजी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:48 AM IST

लॉकडाउन से संबंधित सख्ती में धीरे धीरे दी जा रही नरमी से होटल, रिटेल और मल्टीप्लेक्स जैसे क्षेत्रों के शेयरों में धारणा सुधरी है, जो कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए थे। इन क्षेत्रों में कई शेयर पिछले तीन महीनों में 30-100 प्रतिशत चढ़े हैं, जो बीएसई के सेंसेक्स में आई 26.5 प्रतिशत की तेजी के मुकाबले ज्यादा है।
इसे लेकर कोई संदेह नहीं है कि हालात अब पिछले तीन-चार महीनों की तरह खराब नहीं हैं और बाजार अब वित्त वर्ष 2021 के वित्तीय प्रदर्शन से परे देख रहा है। हालांकि, प्रमुख सवाल यह है कि क्या तेजी बरकरार रहेगी। इक्विनोमिकस रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक जी चोकालिंगम के अनुसार, ‘हमारा मानना है कि रिटेल, होटल और मल्टीप्लेक्स जैसे क्षेत्रों के शेयरों में तेजी बरकरार रहने की संभावना नहीं है। बाजार दो प्रमुख पहलुओं – महामारी के दौरान नुकसान की वजह से बैलेंस शीट पर दबाव और प्रतिफल में संभावित विलंब की स्थिति सामान्य होने – को नजरंदाज कर रहा है।’
सिस्टमैटिक्स गु्रप में संस्थागत शोध के निदेशक एवं प्रमुख धनंजय सिन्हा ने भी इसी तरह के विचार प्रकट करते हुए कहा, ‘हालात अब बेहतर हो सकते हैं। लेकिन हमारा मानना है कि होटल, रिटेल और मल्टीप्लेक्स जैसे क्षेत्रों पर दबाव बना रहेगा और वे संपूर्ण बाजार के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन करेंगे। हम बैंकिंग या ऑटोमोबाइल एंसिलियरी स्पेस से अन्य शेयरों को पसंद कर रहे हैं जिनमें आय संभावना और मूल्य वृद्घि अपेक्षाकृत अच्छी है।’
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यदि लॉकडाउन से संबंधित सख्ती हटा ली जाती है तो भी परिवारों की आर्थिक स्थिति में तुरंत सुधार नहीं आएगा। इसके अलावा, सामाजिक आयोजन कम होने और लोगों द्वारा भीड़ भाड़ वाले या सार्वजनिक स्थानों पर जाने से परहेज करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसका इन क्षेत्रों की व्यावसायिक वृद्घि पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि होटलों के मामले में, लॉकडाउन पूरी तरह हटा लिया गया है, लेकिन इनमें ऑक्यूपेंसी यानी ग्राहकों की आवाजाही बढऩे में समय लगेगा। आईडीबीआई कैपिटल में विश्लेषक अर्चना गुडे का कहना है, ‘आय संभावना होटलों के लिए काफी कमजोर है, हालांकि सितंबर तिमाही में सुधार दिखने की संभावना है। इसलिए जब तक आय संभावना नहीं दिखती, तब तक होटल कंपनियों के शेयरों के लिए अपने मूल्यांकन मल्टीपल पर फिर से पहुंचने के आसार नहीं दिख रहे हैं।’
रिटेलरों के लिए, भौगोलिक मिश्रण और उत्पाद पोर्टफोलियो की प्रकृति मुख्य निर्णायक कारक हैं। एलारा कैपिटल के विश्लेषक अखिल पारेख ने कहा कि उदाहरण के लिए, वी-मार्ट जैसे शेयर अद्र्घ-शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए अपने ज्यादा कारोबार को देखते हुए बेहतर स्थिति में रहेंगे, जबकि ट्रेंट और आदित्य बिड़ला फैशन ऐंड रिटेल (जिनकी टियर-1/शहरी इलाकों में अच्छी उपस्थिति है) जैसी कंपनियों पर दबाव बना रहेगा। एवेन्यू सुपरमाट्र्स जैसे जरूरी उपभोक्ता वस्तु रिटेलरों पर अपैरल और लक्जरी सामान की बिक्री करने वालों की तुलना में कम प्रभाव पडऩे का अनुमान है।
मल्टीप्लेक्स के मामले में, हालांकि कुछ विश्लेषकों ने सकारात्मक रुख अपनाया है, लेकिन उनमें दर्शकों की आवक ओवर-द-टॉप प्लेटफॉर्मों के लिए बढ़ती पसंद से प्रभावित होगी। इसके अलावा कंटेंट रिलीज में विलंब और फूड एवं बेवरेज सेगमेंट में कम मांग अन्य प्रमुख चुनौतियां हैं।

First Published : August 31, 2020 | 12:06 AM IST