हालिया भारी भरकम गिरावट के बाद एचडीएफसी बैंक के अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट्स (एडीआर) का प्रीमियम स्थानीय शेयरों के मुकाबले सिकुड़कर शून्य के पास आ गया है।
एचडीएफसी बैंक का शेयर गुरुवार को 3.1 फीसदी गिरकर 1,490 रुपये का रह गया और इस तरह से दो दिन की गिरावट 11 फीसदी पर पहुंच गई। इस बीच, पिछले दो कारोबारी सत्रों में एडीआर में 15 फीसदी की गिरावट आई है क्योंकि दिसंबर तिमाही में निजी क्षेत्र के बैंक के मार्जिन रिकवरी उम्मीद से धीमी रही और इस वजह से शेयरों में जोरदार बिकवाली हुई।
बिकवाली का ज्यादा दबाव विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ओर से देखने को मिला। उन्होंने पिछले दो कारोबारी सत्र में नकदी बाजार से 20,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। विश्लेषक इस बिकवाली के बड़े हिस्से के लिए एचडीएफसी बैंक को जवाबदेह बता रहे हैं। एनएसई पर एचडीएफसी बैंक का टर्नओवर गुरुवार को 12,040 करोड़ रुपये का रहा जबकि एक दिन पहले यह 13,319 करोड़ रुपये का रहा था।
एक महीने पहले एडीआर प्रीमियम 52 हफ्ते के औसत 11 फीसदी के पास था। सिकुड़ता प्रीमियम विदेशी निवेशकों की तरफ से एचडीएफसी बैंक को लेकर बढ़ते निराशावाद का संकेत देता है, जो मूल कंपनी एचडीएफसी के साथ विलय के बाद शुद्ध ब्याज मार्जिन की चिंता से जूझ रहा है।
बाजार के ज्यादातर विश्लेषकों ने एचडीएफसी बैंक के शुद्ध ब्याज मार्जिन और प्रति शेयर आय के अनुमान में कटौती कर दी है।
नोमूरा ने अपने नोट में एचडीएफसी बैंक के शेयर को डाउनग्रेड कर तटस्थ कर दिया है। ब्रोकरेज ने कहा, हमने शुद्ध ब्याज मार्जिन के अनुमान में वित्त वर्ष 25-26 ई के लिए 15 आधार अंकों की कटौती है क्योंकि फंडिंग मिश्रण में सुधार का लाभ काफी चुनौतीपूर्ण नजर आ रहा है और यह काफी लंबे समय तक चलने वाली कहानी है। इसके परिणामस्वरूप हमने वित्त वर्ष 25-26ई के लिए कर पश्चात लाभ में 6 फीसदी की कटौती की है और परिसंपत्ति पर रिटर्न 10 आधार अंक घटाकर 1.7 फीसदी कर दिया है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि लेनदार का ईपीएस वित्त वर्ष 25 में 89 रुपये रहेगा जबकि पहले इसके 94.5 रुपये रहने का अनुमान था।
विश्लेषकों का मानना है कि एचडीएफसी बैंक को आगे कुछ कष्टदायक समायोजन करने होंगे। मैक्वेरी कैपिटल के प्रबंध निदेशक और वित्तीय सेवा शोध के प्रमुख सुरेश गणपति ने कहा, एचडीएफसी बैंक की समस्या शेयर की है, न कि प्रवाह की। एचडीएफसी से मिली देनदारी 7.5-7.7 फीसदी फंडिंग लागत के साथ आई है, जहां बैंक के खुद की फंड लागत 300-350 आधार अंक कम है। मैक्वेरी ने कहा है कि बैंक को एकीकृत होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, यह कष्टदायक प्रक्रिया है लेकिन आपको कर्ज वृद्धि की रफ्तार नीचे लानी होगी। चाहे आईसीआईसीआई व आईसीआईसीआई बैंक का विलय हो या फिर आईसीआईसीआई का विगत में गैर-निष्पादित कर्ज का मामला रहा हो, चाहे ऐक्सिस बैंक या इंडसइंड बैंक का मसला हो, हर बैंक को बैलेंस शीट को पुनर्गठित करने के लिए कर्ज वृद्धि की रफ्तार नीचे लानी पड़ी है और यही वक्त की मांग है।
साल 2021 में एचडीएफसी बैंक एडीआर का प्रीमियम 31 फीसदी की ऊंचाई पर था। इस प्रीमियम की एक वजह देसी बाजार में एफपीआई के लिए निवेश की गुंजाइश का अभाव था। हालांकि अक्टूबर 2021 व जून 2022 में भारतीय बाजारों से 30 अरब डॉलर की रिकॉर्ड निकासी के बाद एफपीआई के लिए निवेश गुंजाइश का विस्तार हुआ।
विश्लेषक इस संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं कि एचडीएफसी बैंक एडीआर स्थायीय शेयरों के मुकाबले छूट पर उपलब्ध हो जाएगा क्योंकि देसी निवेशक इस शेयर को लेकर थोड़े ज्यादा तेजी का रुख अख्तियार किए हुए हैं।
दो अन्य निजी बैंक आईसीआईसीआई बैंक व ऐक्सिस बैंक का एडीआर भी स्थानीय शेयरों के मुकाबले छूट पर ट्रेड कर रहा है।