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जीएमआर इंफ्रा.-ऊंची उड़ान

Last Updated- December 07, 2022 | 3:44 PM IST

इस्तांबुल में साहिबा गोकन एयरपोर्ट के पास नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण का कांट्रैक्ट हासिल करने के बाद जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के सबसे बड़े हवाई अड्डे के प्राइवेटाइजेशन के लिए भी होड़ में है।


जीएमआर फिलहाल दिल्ली और हैदराबाद हवाई अड्डों के निर्माण से जुड़ी है। इसके अलावा कंपनी को साहिबा गोकन से भी राजस्व अर्जित करने की ओर गौर कर रही है। हैदराबाद एयरपोर्ट के परिचालन और इसके पॉवर प्लांट के बेहतर  तरीके से काम करने की वजह से कंपनी के राजस्व में 86 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी देखी गई और यह बढ़कर 886 करोड़ हो गया।

हालांकि साहिबा गोकन हवाई अड्डे के निर्माण का ठेका प्राप्त करने के लिए तुर्की सरकार को दी गई एकमुश्त राशि की वजह से और दिल्ली एयरपोर्ट के परिचालन में ऊंची कर्मचारी लागत की वजह से कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन में 2.7 फीसदी की गिरावट देखी गई। यह घटकर 27 फीसदी पर आ गया। जीएमआर का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 72 फीसदी बढ़कर 240 करोड़ रुपए रहा जबकि शुध्द लाभ में 52 फीसदी ज्यादा रहा।

हालांकि यदि फॉरेक्स लॉस को भी देखा जाए तो कंपनी के शुध्द लाभ में 10 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह 42 करोड़ रहा। चेन्नई और मैंगलोर में स्थित कंपनी के पॉवर प्लांट से मौजूदा तिमाही में बेहतर उत्पादन की वजह से कंपनी का राजस्व बेहतर रहा। कंपनी के संचित राजस्व में पॉवर डिवीजन की हिस्सेदारी 57 फीसदी है।

एयरपोर्ट जिससे कंपनी का एक तिहाई राजस्व आता है, से कंपनी को नुकसान हुआ। जिसकी वजह रही एकमुश्त दी गई राशि, फिक्सड डेप्रीसिएशन और ब्याज दरों पर लगने वाली लागत। दिल्ली एयरपोर्ट पर डिपॉजिट रेंटल आधार पर जमीन का विकास करने के लिए कंपनी को अनुमति प्राप्त हो गई है और यह प्रक्रिया जल्द ही शुरु हो जाएगी। इस स्ट्रक्चर के फाइनलाइज होने तक जीएमआर का स्टॉक दबाव में रहा था।

बढ़ती कीमतों और कमजोर होती अर्थव्यवस्था की वजह से एयर ट्रैफिक में आई कमी की वजह कंपनी की आय दबाव में रह सकती है। जीएमआर के पॉवर बिजनेस के बेहतर कारोबार करने की संभावना है। कंपनी के पास आगे इंफ्रास्ट्रक्चर कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए अच्छी कैस पोजिशन है।

कंपनी के कारोबार की प्रकृति को देखते हुए विश्लेषक कंपनी के स्टॉक के 135 रुपए तक पहुंचने का अनुमान लगा रहे हैं जबकि जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर का मौजूदा बाजार मूल्य 101 रुपए है।

होटल-मुश्किल समय

घरेलू अर्थव्यवस्था में लगातार जारी मंदी और कम होते विदेशी पर्यटकों की वजह से होटलों का औसत रूम रेवेन्यू जो पिछले दो साल में दोगुने हो गए थे, अब सुधरना शुरू हो गए हैं। लोअर टैरिफ जिससे ऑक्यूपेंसी रेट सुधरता नहीं दिखता है, ये सब अब सुधर रहे हैं।

देश की प्रमुख होटल चेन इंडियन होटल्स के प्रबंधन का कहना है कि अर्थव्यवस्था के दूसरे क्षेत्रों में व्याप्त मंदी की वजह से होटल सेक्टर पर भी असर पड़ रहा है। इस एआरआर में कमी लगभग सभी शहरों में आई है और अलग अलग शहरों में टैरिफ रेट में अलग अलग गिरावट होगी। होटल सेक्टर में ठंड के महीने के दौरान जो चढ़ाव देखा गया था, अब खत्म हो गया है।

भारतीय होटलों के लिए ऑक्यूपेंसी रेट पिछले साल की जून तिमाही से भी कम रही और यह 73 फीसदी के सपाट स्तर पर रही। इसमें अभी आठ से दस फीसदी की और गिरावट होने की संभावना है जो इसके 70 फीसदी के सपाट स्तर पर पहुंचने की संभावना है।

इसके अलावा आईएचसीएल और ईस्ट इंडिया होटल्स की टॉपलाइन ग्रोथ जून 2008 की तिमाही में सिर्फ नौ फीसदी रही जिसकेअगले मौसम में भी कमजोर रहने की संभावना है। होटल लीला के शुध्द लाभ में 24 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई लेकिन कंपनी अपनी बैंगलोर प्रॉपर्टी पर पूरी तरह निर्भर है। जहां एआरआर लगातार गिर रहा है, वहीं राजस्व और लाभ के भी दबाव में रहने की संभावना है।

यह दूसरे अन्य होटल्स के लिए भी है। जहां राजस्व में लगातार कमी आ रही है, वहीं लागत लगातार बढ़ती जा रही है। जून की तिमाही में अच्छा खासा राजस्व अर्जित करने के बाद भी लीला होटल्स का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन पांच फीसदी कम रहकर 44 फीसदी पर रहा। कंपनी को अपने कर्मचारियों पर इस बार 45 फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ा।

ईआईएच का भी मार्जिन 30 फीसदी के सपाट स्तर पर रहा जबकि आईएचसीएल के लाभ में 0.8 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह 31 फीसदी केस्तर पर आ गया। क्रिसिल का अनुमान है कि वित्त्तीय वर्ष 2007 से 2012 तक होटल के कमरों की आपूर्ति 16 फीसदी के हिसाब से बढ़ेगी जबकि मांग के 12 फीसदी के हिसाब से बढ़ने की संभावना है। इससे होटल्स के लाभ पर सीधा असर पड़ सकता है।

होटल लीला के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 10 गुना के स्तर पर जबकि आईएचसीएल का कारोबार 12 गुना के स्तर पर हो रहा है। ईआईएच का स्टॉक काफी महंगा है और उसका कारोबार 20 गुना के स्तर पर हो रहा है।

First Published - August 7, 2008 | 9:54 PM IST

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