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Front-running Scam: सेबी ने खोली केतन पारेख की करोड़ों की गड़बड़ी, फिर फंसा ‘घोटालेबाज’

आरोप है कि ये लोग अमेरिका के एक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) के ट्रेड्स की जानकारी का गलत इस्तेमाल कर करोड़ों का फायदा कमा रहे थे।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- January 02, 2025 | 9:16 PM IST

शेयर बाजार के पुराने खिलाड़ी और विवादों के बादशाह केतन पारेख एक बार फिर मुश्किलों में हैं। सन 2000 के चर्चित घोटाले में दोषी ठहराए जा चुके केतन पारेख, सिंगापुर के कारोबारी रोहित सालगांवकर और एक अन्य व्यक्ति को सेबी ने अब शेयर बाजार में ट्रेडिंग से बैन कर दिया है। आरोप है कि ये लोग अमेरिका के एक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) के ट्रेड्स की जानकारी का गलत इस्तेमाल कर करोड़ों का फायदा कमा रहे थे।

क्या है पूरा मामला?

यह एफपीआई कोई मामूली निवेशक नहीं, बल्कि $2.5 ट्रिलियन (करीब ₹2,08,00,000 करोड़) के फंड्स का मैनेजमेंट करता है। सेबी की जांच में पता चला कि केतन और सालगांवकर लगभग ढाई साल से इस घोटाले को अंजाम दे रहे थे।

रोहित सालगांवकर जो इस एफपीआई के ट्रेड्स की जानकारी रखते थे, वह ये जानकारियां केतन पारेख तक पहुंचाते थे। इसके बाद पारेख अपने कोलकाता स्थित सहयोगियों के जरिए शेयर बाजार में गेम खेलते थे। इस खेल में करोड़ों का फायदा हुआ, लेकिन अब मामला खुल चुका है।

कैसे पकड़ी गई चालबाजी?

सेबी ने एक नए अलर्ट सिस्टम के जरिए इस गड़बड़ी को पकड़ा। जून 2023 में 17 जगहों पर छापे मारे गए। जांच में पता चला कि रोहित सालगांवकर एफपीआई के ट्रेडर्स के साथ बातचीत के बहाने ट्रेड की जानकारी हासिल करते और फिर इसे पारेख तक पहुंचाते। पारेख ने इस जानकारी का फायदा उठाकर कई फर्जी खातों से बड़े-बड़े सौदे किए।

परेख ने अपनी पहचान छिपाने के लिए अलग-अलग नामों से मोबाइल नंबर लिए हुए थे। वह ‘जैक,’ ‘जॉन,’ ‘बॉस,’ और ‘भाई’ जैसे नामों से पहचाने जाते थे। उनके इन नामों और नेटवर्क का भंडाफोड़ सेबी ने चैट, मैसेज, मोबाइल लोकेशन और यहां तक कि बर्थडे मैसेज तक खंगालकर किया।

अवैध रूप से कमाए गए पैसे को ‘अंगड़िया’ नेटवर्क के जरिए इधर-उधर किया गया। अंगड़िया वह चैनल है जो बिना रिकॉर्ड के कैश ट्रांसफर करने के लिए बदनाम है। सेबी ने इस मामले में 22 लोगों और संस्थाओं पर कार्रवाई करते हुए उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। साथ ही, ₹65.77 करोड़ का अवैध मुनाफा लौटाने का आदेश दिया है।

सेबी ने बताया कि केतन पारेख जो 2000 के घोटाले के बाद 14 साल के लिए बैन किए गए थे, एक बार फिर शेयर बाजार में गड़बड़ी कर रहे थे। उनकी पुरानी हरकतों को देखते हुए यह कार्रवाई जरूरी थी।

ब्रोकर्स को मिला अलर्ट

सेबी ने नुवामा वेल्थ और मोतीलाल ओसवाल को भी सख्त कदम उठाने और अपनी व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।

First Published : January 2, 2025 | 9:16 PM IST