इस महीने के पहले पखवाड़े में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने एफएमसीजी, दूरसंचार, वित्तीय सेवाएं और सेवा क्षेत्र के शेयरों में करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। एफएमसीजी में इनकी खरीदारी 11,180 करोड़ रुपये, दूरसंचार में 6,648 करोड़ रुपये रही। प्राइमइन्फोबेस के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
विश्लेषकों ने कहा कि एफएमसीजी क्षेत्र में हुए एफपीआई के निवेश के बड़े हिस्से की वजह आईटीसी में ब्लॉक डील रही, जहां ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (बीएटी) ने 3.5 फीसदी हिस्सेदारी करीब 17,000 करोड़ रुपये में बेची।
अगर आईटीसी में डील नहीं हुई होती तो इस क्षेत्र में निवेश ऋणात्मक होता। विश्लेषकों ने कहा कि स्थिर ग्रामीण मांग के चलते एफएमसीजी क्षेत्र मुश्किल वक्त का सामना कर रहा है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के नोट में कहा गया है, वॉल्यूम में ठीक-ठाक सुधार आने में कुछ और तिमाही लगने की संभावना है। इनपुट लागत में नरमी ज्यादातर एफएमसीजी कंपनियों के सकल मार्जिन में सुधार ला रहा है, जिसका आंशिक हिस्सा विज्ञापन खर्च के तौर पर दोबारा निवेश हो रहा है।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, दवा क्षेत्र को छोड़ दें तो रक्षात्मक शेयर बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, आईटी व एफएमसीजी क्षेत्र एक अंक में वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। ग्रामीण मांग धीमी हो गई है, जो ट्रैक्टर व एफएमसीजी की बिक्री में स्पष्ट हो रही है।
इस बीच, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के शेयरों में 1,577 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई जबकि तेल, गैस व कंज्यूमेबल्स में 1,110 करोड़ रुपये की। इसके अलावा आईटी क्षेत्र में 1,104 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई। एफपीआई ने निर्माण कंपनियों के 271 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि टिकाऊ उपभोक्ता कंपनियों के 167 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।
मार्च के पहले पखवाड़े में हालांकि एफपीआई 40,708 करोड़ रुपये की इक्विटी के शुद्ध खरीदार रहे। इस अवधि में एफपीआई का सबसे ज्यादा क्षेत्रीय आवंटन वित्तीय सेवाओं में 29.2 फीसदी रहा, जो फरवरी के आखिर में 28.79 फीसदी रहा था।