विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजारों में अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। इसकी मुख्य वजहें आर्थिक गतिविधियों का पुन: शुरू होना तथा सितंबर तिमाही में कंपनियों का बढिय़ा परिणाम रहा। इससे पहले सितंबर में एफपीआई ने 3,419 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी। डिपॉजिटरी के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, एक अक्टूबर से 30 अक्टूबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इक्विटी में 19,541 करोड़ रुपये और ऋण पत्रों में 2,492 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। इस तरह कुल निवेश अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये रहा। मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, वैश्विक बाजारों में अधिशेष तरलता की उपलब्धता भारतीय इक्विटी में विदेशी धन के प्रवाह को सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अर्थव्यवस्था के खुलने, व्यावसायिक गतिविधियों के फिर से शुरू होने और अपेक्षा से बेहतर तिमाही परिणामों ने निवेशकों की रुचि को बनाए रखने में मदद की।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर परिदृश्य में बदलाव जारी है और कई कारक हैं जो विदेशी प्रवाह की दिशा को आगे बढ़ाएंगे। ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि भारत में कोविड-19 के नए मामले कम हो रहे हैं। यह अभी के समय में भारत को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है।
