भारत में राज्यों के विधानसभा चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी ने जीत हासिल की। इसके चलते भारतीय शेयर बाजार ने $4 ट्रिलियन वैल्यूएशन हासिल कर ली है। इन सभी डेवलपमेंट को देखते हुए विदेशी इन्वेस्टर्स अब भारतीय स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने के लेकर उतावले हो चले हैं।
ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित एक्सचेंज डेटा के अनुसार, विदेशी निवेशक सितंबर के बाद पहली बार इंडेक्स फ्यूचर में नेट “लॉन्ग” पोजिशन रखते हुए, भारतीय शेयर बाजार के बढ़ने पर दांव लगा रहे हैं।
सकारात्मक स्थानीय चुनाव परिणामों की बदौलत इस सप्ताह स्टॉक नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स ने इस साल अन्य एशियाई बाजारों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 16% की बढ़त हासिल की है। निवेशक मजबूत कमाई, बेहतर घरेलू खपत और मोदी के तीसरा कार्यकाल हासिल करने की संभावना को लेकर आशावादी हैं।
विदेशी निवेशक आमतौर पर निफ्टी 50 और निफ्टी बैंक जैसे इंडेक्स पर वायदा कारोबार करते हैं। अब इंडेक्स वायदा पर सकारात्मक होने के बावजूद, वैश्विक फंडों ने भी नकदी बाजार में भारतीय शेयरों को खरीदना फिर से शुरू कर दिया है। शुद्ध आधार पर देखें तो उन्होंने अक्टूबर के अंत से लेकर 5 दिसंबर तक 4 अरब डॉलर से अधिक की खरीदारी की है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के डेरिवेटिव और तकनीकी अनुसंधान के प्रमुख चंदन तपारिया के अनुसार, विदेशी निवेशकों का भारत में विश्वास बढ़ रहा है, विशेष रूप से राज्य चुनावों के बाद बेहतर राजनीतिक स्थिरता के कारण। उनका अनुमान है कि सकारात्मक रुझान जारी रहेगा, जिससे निफ्टी 21,500 तक पहुंचने की संभावना है।
इंडेक्स फ्यूचर्स में विदेशी फंड जिस तरह से निवेश कर रहे हैं उसमें बदलाव भारत के बाजार में चल रहे उछाल के लिए एक सकारात्मक संकेत है। पिछले दशक के ऐतिहासिक आंकड़ों को देखते हुए, जब भी विदेशी निवेशक शुद्ध सूचकांक वायदा में सकारात्मक रुख अपनाया है, तो निफ्टी 50 में अगले 30 दिनों में 79% बार औसतन 2.6% की वृद्धि हुई है। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)