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विदेशी ब्रोकरेज ने घटाया भारतीय इक्विटी से रिटर्न का अनुमान

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:52 AM IST

कोविड के मामलों में अचानक हुई बढ़ोतरी और भारत के प्रमुख आर्थिक केंद्रों पर छोटे पैमाने पर हुए लॉकडाउन से विदेशी ब्रोकरेज फर्मों ने अगले 12 महीने में भारतीय इक्विटी से मिलने वाले रिटर्न के अनुमान में कमी की है।
मार्च 2022 के लिए निफ्टी-50 का लक्ष्य नोमूरा की तरफ से घटाकर 15,340 (पहले दिसंबर 2021 तक 14,680 पर जाने का लक्ष्य था) किए जाने के बाद गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों ने भी अपने अनुमान में कटौती की है। उन्हें अब 12 महीने में निफ्टी के 16,300 के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है, जो पहले 16,500 था। हालांकि भारत पर उनका रुख अभी ओवरवेट बना हुआ है।
गोल्डमैन सैक्स ने कहा, भारत में कोविड के नए मामले रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने और कई राज्यों की तरफ से सख्त लॉकडाउन के ऐलान के बाद निवेशक अर्थव्यवस्था के जोखिम व आय में सुधार को लेकर चिंतित हैं। अल्पावधि के अवरोध के बावजूद उन्हें लग रहा है कि तीसरी तिमाही में रिकवरी बहाल हो जाएगी क्योंकि प्रतिबंध सामान्य हो जाएगा, टीकाकरण रफ्तार पकड़ेगा और वैश्विक बढ़त सकारात्मक हो जाएगी।
गोल्डमैन सैक्स के टिमोथी मो की अगुआई में विश्लेषकों ने कहा है, हम कैलेंडर वर्ष 21 के एमएससीआई अनुमान को समायोजित कर 2 फीसदी नीचे कर रहे हैं और अब इस साल आय में 24 फीसदी की बढ़त की उम्मीद है, जो पहले 27 फीसदी अनुमानित थी। हमारी नजर वैश्विक बाजार के जरिए साइक्लिकल, जिंस व इंडस्ट्रियल साइक्लिकल पर है लेकिन अल्पावधि में कंज्यूमर व सर्विस साइक्लिकल से हम दूर हो रहे हैं।
वैश्विक बाजारों के लिहाज से एचएसबीसी का कहना है कि अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज उभरते बाजारों की इक्विटी के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। उभरते बाजारों के लिए अच्छी बात यह है कि उनका बॉन्ड प्रतिफल नीचे है, जो आने वाले समय में बढ़त का कारक हो सकता है। एचएसबीसी ने अपने पोर्टफोलियो में भारत, ताइवान और पाकिस्तान पर ओवरवेट रेटिंग बरकरार रखी है। हॉन्ग-कॉन्ग, सिंगापुर, थाइलैंड और इंडोनेशिया पर वह ओवरवेट बनी हुई है।
एचएसबीसी का मानना है कि साल 2020 में सख्त लॉकडाउन के बाद सृजित हुई मांग अब अपनी धार खो चुकी है। इसके अलावा तेजी से बढ़ रहे कोविड के मामलों ने आर्थिक रफ्तार के लिए चुनौती खड़ी की है। एचएसबीसी ने 2021-22 के लिए जीडीपी का अनुमान 11.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। वहीं गोल्डमैन सैक्स ने वास्तविक जीडीपी की रफ्तार का अनुमान घटाकर 10.5 फीसदी कर दिया है, जो पहले 10.9 फीसदी अनुमानित था।

First Published : April 15, 2021 | 11:36 PM IST