एशिया के शेयर बाजारों में अगले हफ्ते लिस्टिंग का सबसे व्यस्त समय देखने को मिलेगा, जो पिछले दो सालों में सबसे बड़ा होगा। कंपनियां अमेरिकी चुनाव से पहले पैसा जुटाने की होड़ में हैं, और यह समय निवेशकों की मांग को परखने के लिए अहम माना जा रहा है।
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, अगले हफ्ते एशिया-प्रशांत क्षेत्र की करीब 20 कंपनियां अपने शेयर बाजार में लिस्ट होंगी, जिससे लगभग $8.3 बिलियन जुटाए जा सकते हैं। यह आंकड़ा अप्रैल 2022 के बाद का सबसे बड़ा होगा। इस लिस्टिंग में चीन, भारत और जापान की कई कंपनियां शामिल हैं, जो इस क्षेत्र में शेयर बिक्री में आई तेजी को दिखाता है।
हर्बर्ट स्मिथ फ्रीहिल्स LLP के पार्टनर मैथ्यू एम्सली ने कहा, “एशिया के बाजारों में एक नई ऊर्जा लौट रही है। कंपनियां इस मौके का फायदा उठाने के लिए तेजी से आगे आ रही हैं।”
निवेश बैंकरों की नजर इन नई लिस्टेड कंपनियों के प्रदर्शन पर है, क्योंकि आने वाले हफ्तों में और भी कई बड़ी डील्स होने की उम्मीद है। हाल के सालों में कमजोर बाजारों की वजह से शेयर बिक्री धीमी रही थी, लेकिन अब उम्मीदें बढ़ रही हैं।
हांगकांग में अगले हफ्ते बोतलबंद पानी बनाने वाली कंपनी चीन रिसोर्स बेवरेज होल्डिंग्स और ऑटोनॉमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी कंपनी होराइजन रोबोटिक्स के आईपीओ आएंगे, जिससे ये दोनों कंपनियां मिलकर $1.3 बिलियन से ज्यादा जुटा सकती हैं। अगर ये आईपीओ सफल होते हैं, तो हांगकांग में चीनी शेयर बिक्री फिर से बढ़ने की उम्मीद है।
मोर्गन स्टैनली की एशिया इक्विटी कैपिटल मार्केट्स प्रमुख कैथी झांग ने कहा, “हम हांगकांग और चीन के पूंजी बाजारों में सुधार की शुरुआती स्थिति देख रहे हैं। हमें हांगकांग में अधिक बड़ी और गुणवत्ता वाली कंपनियों की लिस्टिंग की जरूरत है, ताकि यह रुझान कायम रहे।”
भारत में भी बाजार में हलचल है। मंगलवार को हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड का $3.3 बिलियन का आईपीओ लिस्ट होगा, जो देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। इस डील को आखिरी दिन दोगुने से ज्यादा सब्सक्राइब किया गया, लेकिन छोटे निवेशकों की दिलचस्पी ज्यादा नहीं रही। कोलकाता के 25 वर्षीय निवेशक केशव गुप्ता ने कहा, “फिलहाल ऑटो सेक्टर ज्यादा अच्छा नहीं लग रहा है,” यही कारण है कि उन्होंने इस आईपीओ में हिस्सा नहीं लिया।
भारत में ऑटो उद्योग में मांग घटने से चिंता बढ़ी है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार, सितंबर में खुदरा वाहन बिक्री पिछले साल के मुकाबले 9% से ज्यादा गिर गई है, और डीलरों के पास गाड़ियों का स्टॉक 80 से 85 दिनों का है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
इसके बावजूद, विदेशी निवेशक भारतीय आईपीओ में अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं, जिससे भविष्य में और भी बड़े सौदों की उम्मीद की जा रही है। नोमुरा होल्डिंग्स के महेश नटराजन ने कहा, “बड़े आईपीओ की सफलता से अन्य कंपनियों को भी आत्मविश्वास मिलता है कि वे बड़ी डील्स ला सकती हैं।”
इस साल भारतीय कंपनियों ने अब तक $12 बिलियन से ज्यादा जुटा लिए हैं, जो पिछले दो सालों से ज्यादा है, लेकिन 2021 के $17.8 बिलियन के रिकॉर्ड से अभी भी कम है। फूड-डिलीवरी कंपनी स्विगी और सरकारी पावर कंपनी NTPC की रिन्यूएबल एनर्जी शाखा जैसी कंपनियों की लिस्टिंग भी जल्द ही होने वाली है।
जापान में टोक्यो मेट्रो कंपनी का $2.3 बिलियन का आईपीओ 23 अक्टूबर को आने वाला है, जो 2018 के बाद से जापान का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। जापानी बाजारों में उथल-पुथल के बीच यह डील हो रही है। जापानी एक्स-रे टेक्नोलॉजी कंपनी रिगाकू होल्डिंग्स कॉर्प भी इस हफ्ते के अंत में $750 मिलियन की डील के साथ बाजार में आएगी।
हालांकि, सभी कंपनियां अपनी लिस्टिंग योजनाओं के साथ आगे नहीं बढ़ रही हैं। कोरियाई ऑनलाइन लेंडर K बैंक, जो $700 मिलियन जुटाने की उम्मीद कर रहा था, ने पर्याप्त मांग न मिलने के कारण अपनी डील को वापस ले लिया है। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)