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आईटी शेयरों पर फेड की दर बढ़ोतरी, मंदी का साया

जेफरीज के विश्लेषकों के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2024 के लिए राजस्व की रफ्तार का सर्वमान्य अनुमान सभी आईटी फर्मों (विप्रो को छोड़कर) ने अपने अग्रणी क्लाइंटों के लिए घटाया है और सबसे ज्यादा कटौती एचसीएल टेक व टेक महिंद्रा की तरफ से 80-180 आधार अंकों का है

Published by
पुनीत वाधवा
Last Updated- March 09, 2023 | 9:32 PM IST

उच्च महंगाई के कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अनुमान से ज्यादा सख्त मौद्रिक नीति और कैलेंडर वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में मंदी की आशंका भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों पर असर डाल सकती है। ऐसा विश्लेषकों का मानना है। यह आईटी शेयरों पर अगले कुछ महीनों तक नियंत्रण रख सकता है।

इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक व मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम के मुताबिक, भारतीय आईटी शेयरों का जुड़ाव नैसडेक के प्रदर्शन से है।

अगले कुछ महीनों में फेड की तरफ से 75 आधार अंकों की आक्रामक बढ़ोतरी और मंदी की आशंका से इन शेयरों में गिरावट आ सकती है, जो लंबी अवधि के लिहाज से हालांकि खरीदारी का अच्छा मौका हो सकता है।

उन्होंने कहा, लार्जकैप आईटी शेयर अगले दो-तीन महीने में 5 से 10 फीसदी तक गिर सकते हैं अगर नैसडेक में गिरावट आती है। मिडकैप व स्मॉलकैप आईटी शेयर हालांकि उद्योग में एकीकरण की उम्मीद में बेहतर करेंगे। रुपये में गिरावट और आईटी दिग्गजों की तरफ से वेतन बढ़ोतरी की सुस्त रफ्तार अगली कुछ तिमाहियों में थोड़ा सहारा देगी, जिससे फेड की बढ़ोतरी का नकारात्मक असर और मंदी की आशंका से कुछ राहत मिलेगी।

निर्मल बांग इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक, नियुक्ति रफ्तार हालांकि नरम हुई है और उद्योग ने 2021-22 में 4.45 लाख व 2022-23 में अनुमानित तौर पर 2.90 लाख लोगों को नियुक्त किया। ज्यादातर कंपनियों का परिचालन कम इस्तेमाल क्षमता के साथ हो रहा है, ऐसे में उन्हें वित्त वर्ष 24 में इसमें भारी गिरावट की संभावना दिख रही है।

निफ्टी आईटी इंडेक्स हालांकि कैलेंडर वर्ष 23 में अब तक सभी क्षेत्रीय सूचकांकों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला रहा है और उसमें 5 फीसदी की तेजी आई है।

जेफरीज के विश्लेषकों के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2024 के लिए राजस्व की रफ्तार का सर्वमान्य अनुमान सभी आईटी फर्मों (विप्रो को छोड़कर) ने अपने अग्रणी क्लाइंटों के लिए घटाया है और सबसे ज्यादा कटौती एचसीएल टेक व टेक महिंद्रा की तरफ से 80-180 आधार अंकों का है।

उनके अनुमान के मुताबिक, 10 अग्रणी क्लाइंट भारतीय आईटी फर्मों के राजस्व में 19 से 36 फीसदी की भागीदारी करते हैं।

जेफरीज के विश्लेषकों अक्षत अग्रवाल और अंकुर पंत ने हालिया नोट में कहा है, विप्रो ​और एलटीआई माइंडट्री वित्त वर्ष 24 की रफ्तार को लेकर ज्यादा नकारात्मक जोखिम में हैं क्योंकि सर्वमान्य अनुमान राजस्व में सीमित नरमी का है लेकिन अपने अग्रणी क्लाइंटों की वृद्धि में ज्यादा नरमी की उम्मीद की जा रही है।

First Published : March 9, 2023 | 9:32 PM IST