Swiggy cuts IPO valuation again: भारत की प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनियों में से एक स्विगी (Swiggy) ने एक बार फिर से अपने आईपीओ की वैल्यूएशन में कटौती की है। अब कंपनी के आईपीओ की वैल्यूएशन घटकर 11.3 अरब डॉलर रह गई है, जो स्विगी के शुरुआती लक्ष्य 15 अरब डॉलर से 25 प्रतिशत कम है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दो सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा, बाजार की अस्थिरता और ह्युंडै इंडिया के आईपीओ की कमजोर लिस्टिंग के कारण निवेश धारणा कमजोर हुई है।
रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि ब्लैकरॉक (BlackRock) और कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) 1.4 अरब डॉलर के इस आईपीओ में निवेश करेंगे, जो इस साल देश का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक ऑफर होगा।
स्विगी, ब्लैकरॉक और CPPIB ने इस मामले में रॉयटर्स के टिप्पणी करने के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
भारतीय शेयर बाजार लगातार चार सप्ताह से गिर रहे हैं, जो अगस्त 2023 के बाद से सबसे लंबी गिरावट है। बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स 27 सितंबर को रिकॉर्ड ऊंचाई से 8 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है, जिसका कारण विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार की गई बिकवाली है।
ऊंचे मूल्यांकन की चिंताओं के बीच खुदरा निवेशकों से मिले ठंडे रिस्पॉन्स के बाद ह्युंडै इंडिया के शेयरों में पिछले सप्ताह, अपने डेब्यू पर 7.2 प्रतिशत की गिरावट आई।
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कंपनी की योजनाओं के बारे में सीधी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि सॉफ्टबैंक (SoftBank) और प्रोसेस (Prosus) समर्थित स्विगी अपनी अपेक्षाकृत बड़े आईपीओ को लेकर सुस्त प्रतिक्रिया से बचने के लिए चिंतित था। यह आईपीओ 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से उत्पन्न वैश्विक अनिश्चितता के बीच आ रहा है, और इसी कारण निवेशकों से परामर्श करके वैल्यूएशन घटाने का निर्णय लिया गया।
इस सूत्र ने कहा, स्विगी “खराब आईपीओ” नहीं चाहता है। इनवेस्को (Invesco) के नेतृत्व में इसके आखिरी फंडिंग राउंड में 2022 में इसका मूल्य 10.7 अरब डॉलर आंका गया था।
भारत के ऑनलाइन रेस्तरां और कैफे फूड डिलीवरी सेक्टर में स्विगी का मुकाबला ज़ोमैटो से है। दोनों ही कंपनियों ने “क्विक-कॉमर्स” में बड़े दांव लगाए हैं, जहां किराने और अन्य उत्पादों की डिलीवरी 10 मिनट में की जाती है।
हाल की उथल-पुथल के बावजूद, भारत का आईपीओ बाजार उत्साहित रहा है। इस साल अब तक लगभग 270 कंपनियों ने 12.57 अरब डॉलर जुटाए हैं, जो 2023 में जुटाए गए 7.4 अरब डॉलर से कहीं अधिक है।