एग्जिट पोल (Exit Poll) के अनुमानों के बाद सोमवार को घरेलू शेयर बाजारों में 2 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को लोक सभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है।
राजनीतिक निरंतरता की संभावना और आर्थिक सुधारों की उम्मीद से निवेशक 4 जून को आने वाले नतीजे से पहले भारतीय शेयरों पर अपने दांव में इजाफा कर सकते हैं।
एग्जिट पोल (Exit Poll) के अलावा वित्त वर्ष 24 के लिए उम्मीद से बेहतर जीडीपी (GDP) के आंकड़े और अमेरिका के उत्साहजनक आंकड़े भी बाजार का मनोबल ऊंचा रखने में मददगार होगें।
सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) का आखिरी बंद स्तर 73,961 और 22,531 रहा है, जो 27 मई को दर्ज अब तक के अपने-अपने सर्वोच्च स्तर से करीब 2.5 फीसदी कम है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने कहा कि एग्जिट पोल की रायशुमारी बाजार की उम्मीद के मुताबिक आई है और इससे तेजी वाले मनोबल में इजाफा होगा। वैश्विक नरमी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में 8 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है, जिसका श्रेय मौजूदा सरकार को दिया जाना चाहिए। निवेशक चाहते हैं कि आर्थिक वृद्धि की मौजूदा रफ्तार टिकी रहनी चाहिए। आपको नीतिगत निरंतरता की जरूरत है। इसमें किसी तरह की बाधा नहीं होनी चाहिए।
विभिन्न एजेंसियों व मीडिया संगठनों के करीब दर्जन भर एग्जिट पोल में राजग को 316 से लेकर 400 सीटें दी है। सात चरण की चुनाव प्रक्रिया की समाप्ति और अंतिम चरण का मतदान खत्म होने के बाद शनिवार को एग्जिट पोल के नतीजे आए। मतदान का पहला दौर 19 अप्रैल को हुआ था।
एग्जिट पोल के गलत निकलने के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए कुछ ट्रेडर पूरी तरह से तेजी के दांव लगाने से परहेज कर सकते हैं और मंगलवार को वास्तविक नतीजों की प्रतीक्षा कर सकते हैं।
अगर एग्जिट पोल वास्तव में सही निकलते हैं तो भी बढ़त सीमित रह सकती है क्योंकि बाजार पहले ही राजग की जीत मानकर चल रहा था। हालांकि भाजपा की हार ने चौंकाया तो बाजारों को झटका लग सकता है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा कि शुरू से ही माना जा रहा था कि भाजपा (BJP) फिर सत्ता में आ रही है। इस पर संदेह था कि एजेंडे को भाजपा अपने दम पर ही आगे बढ़ा लेगी या फिर वह सहयोगी दलों पर निर्भर रहेगी।
चुनाव के दौरान मीडिया के एक वर्ग में चर्चा थी कि सत्ताधारी पार्टी बचाव की मुद्रा में है और विपक्ष एक होकर बहुमत हासिल कर सकता है। बाजार इसी से चिंतित था कि चुनाव बाद कहीं अति लोक लुभावन नीतियां न आ जाएं।।
हालांकि बाजारों में बहुत ज्यादा गिरावट नहीं आई, लेकिन पिछले दो महीने में उनमें काफी उतारचढ़ाव देखने को मिला क्योंकि कम मतदान प्रतिशत और मतदाताओं की उदासी ने भाजपा के जीत के मार्जिन को लेकर संदेह पैदा कर दिया था।
चुनाव शुरू होने के बाद से सेंसेक्स व निफ्टी क्रमश: 1.2 व 1.7 फीसदी चढ़े हैं लेकिन उतारचढ़ाव का पैमाना इंडिया वीआईएक्स इस दौरान करीब 82 फीसदी उछलकर दो साल के उच्चस्तर 24.6 पर पहुंच गया।
एफपीआई (FPI) की बिकवाली ने निवेशकों की परेशानी और बढ़ा दी। मई में एफपीआई ने 26,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जो जनवरी 2023 के बाद सबसे अधिक है।
भट्ट ने कहा कि बाजार में खुशी का माहौल कुछ और दिन बना रहेगा। बड़ा सवाल यह है कि क्या सोमवार को ही सभी शॉर्ट कवर हो जाएंगे या फिर कुछ शॉर्ट 4 जून को अंतिम नतीजों की घोषणा तक बने रहेंगे। अगर शॉर्ट कवरिंग होती है तो सोमवार को बाजार 1 से 2 फीसदी के तेजी के साथ खुल सकते हैं।