भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सूचीबद्ध कंपनियों और उनकी वैल्यू चेन के भागीदारों के पर्यावरण, समाज और प्रशासन (ESG) संबंधित खुलासा मानकों को आसान बनाने का प्रस्ताव रखा है।
बाजार नियामक सिर्फ उन वैल्यू चेन भागीदारों के लिए ईएसजी मानकों पर खुलासे को अनिवार्य करने की योजना बना रहा है जिनके पास व्यक्तिगत रूप से मूल्य के हिसाब से कंपनी की खरीद या बिक्री का 2 प्रतिशत या अधिक हिस्सा है।
सेबी ने वैल्यू चेन भागीदारों के लिए खुलासे को अनुपालन या स्पष्टीकरण के आधार के बजाय पहले वर्ष के लिए स्वैच्छिक बनाने का भी प्रस्ताव दिया है। पिछले निर्देश में कहा गया कि शीर्ष-250 सूचीबद्ध कंपनियों को वित्त वर्ष 2024-25 से अपनी सालाना रिपोर्टों में वैल्यू चैन भागीदारों के ईएसजी मानकों का खुलासा करना होगा। यह खुलासा वैल्यू चेन भागीदारों के लिए है, जिसमें संचयी रूप से 75 प्रतिशत खरीद या बिक्री शामिल है।
नए प्रस्ताव का लक्ष्य इस अनुपालन को आसान बनाना है। ये खुलासे बिजनेस रेस्पोंसिबिलिटी ऐंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग (BRSR) कोर के अनुरूप मुख्य संकेतकों का हिस्सा होंगे। बीआरएसआर कोर सीमित मानकों के साथ सूचीबद्ध कंपनियों के लिए अनिवार्य ईएसजी डिस्क्लोजर है।
बीआरएसआर शीर्ष-1000 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए पहले से ही अनिवार्य है। पर्यावरण संबंधी खुलासों के लिए नए मापदंडों के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, पानी की बर्बादी, खपत और उपचार, अपशिष्ट प्रबंधन सहित अन्य पर आश्वासन की जरूरत होगी। इनमें खासकर विनिर्माण कंपनियों के लिए प्रत्येक बिक्री एवं खरीद ऑर्डर स्तर पर ईएसजी-संबंधित जानकारी जुटाना शामिल है।
इन बदलावों का मकसद उन छोटी कंपनियों पर खर्च के बोझ से जुड़ी चिताएं दूर करना है, जो बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों को आपूर्ति करती हैं और उन्हें ऐसे खुलासे की रिपोर्टिंग एवं पुष्टि के लिए प्रक्रियाएं और डेटा प्रणालियां तैयार करने की जरूरत होती है जिसमें समय लगता है। अनुपालन संबंधित बोझ घटाने के अन्य प्रयास में सेबी ने ईएसजी डेटा ‘एश्योरेंस’ को ‘एसेसमेंट’ में बदलने का प्रस्ताव रखा है।