टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स का शेयर गुरुवार को सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया और यह पिछले महीने के दौरान निफ्टी तथा निफ्टी एफएमसीजी सूचकांक पर सर्वाधिक चढ़ने वाला शेयर रहा। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से छठी सबसे बड़ी उपभोक्ता कंपनी टाटा कंज्यूमर के शेयर में पिछले साल के दौरान 75 प्रतिशत की तेजी आई इसमें से करीब 44 प्रतिशत तेजी पिछले तीन महीनों में दर्ज की गई है।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दमदार वित्तीय प्रदर्शन, मार्जिन वृद्धि की उम्मीद, नए अधिग्रहणों और टाटा समूह शेयरों में तेजी से कंपनी को पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान अच्छी बढ़त दर्ज करने में मदद मिली है।
कंपनी के तीसरी तिमाही में मजबूत प्रदर्शन के अलावा, व्यावसायिक प्रदर्शन में सुधार इसके लिए अल्पावधि-मध्यावधि कारक होगा। भारत-ब्रांडेड व्यवसायों की मदद से कंपनी ने एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले बिक्री में 9.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की। भारत-ब्रांडेड व्यवसायों में बेवरेज और फूड सेगमेंट शामिल हैं और कंपनी के समेकित राजस्व में इसका करीब 62 प्रतिशत योगदान है।
भारतीय बेवरेज व्यवसाय में 8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई और इसे नॉरिश्को (टाटा ग्लूको/टाटा कॉपर) से मदद मिली। नॉरिश्को में 32 प्रतिशत तक का इजाफा दर्ज किया गया। बेवरेज श्रेणी में एकमात्र सबसे बड़े सेगमेंट ‘टी’ ने 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। मुख्य ब्रांडों (नॉरिश्को) की बिक्री वृद्धि 2 प्रतिशत रही। यह बिक्री वृद्धि लगातार चौथी तिमाही में दर्ज की गई।
जहां तिमाही में नॉरिश्को का राजस्व 159 करोड़ रुपये रहा और उसने पिछली चार तिमाहियों के दौरान 751 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया, वहीं कंपनी पूरे वित्त वर्ष 2024 में 900-1,000 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज करने की राह पर बनी हुई है।
टाटा संपन्न में बिक्री-आधारित वृद्धि की मदद से भारतीय खाद्य व्यवसाय 13 प्रतिशत तक बढ़ा। टाटा संपन्न में सालाना आधार पर 40 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ। वहीं तीसरी तिमाही में सर्वाधिक तिमाही बिक्री दर्ज करने वाले सॉल्ट पोर्टफोलियो में 6 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ। इसमें वैल्यू-एडेड साल्ट पोर्टफोलियो महंगे उत्पादों की बिक्री बढ़ने से 23 प्रतिशत तक बढ़ गया। कंपनी को भविष्य में नमक व्यवसाय में बाजार भागीदारी बढ़ने की मजबूत संभावना है। इलारा कैपिटल रिसर्च के विश्लेषक अमित पुरोहित का मानना है कि कंपनी वितरण में तेजी लाने पर जोर देगी।
ग्रोथ पोर्टफोलियो (नए व्यवसाय) में नॉरिश्को, सोलफुल, टाटा संपन्न और टाटा स्मार्टफूड्ज में एक साल पहले के मुकाबले 42 प्रतिशत तक की तेजी आई और भारत-ब्रांडेड व्यवसाय में इसका योगदान वित्त वर्ष 2023 के 15 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 17 प्रतिशत हो गया। कंपनी नए व्यवसायों (कैपिटल फूड्स और ऑर्गेनिक इंडिया की हाल में खरीदी गई कंपनियों समेत) का योगदान भारत-ब्रांडेड व्यवसायों में बढ़कर 30 प्रतिशत करना चाहती है।
मार्जिन वृद्धि दिसंबर तिमाही में अन्य सकारात्मक कारक रही। भारतीय व्यवसाय के लिए सकल मार्जिन सालाना आधार पर 125 आधार अंक और तिमाही आधार पर 209 आधार अंक तक बढ़कर 40.2 प्रतिशत रहा, जो पिछली 6 तिमाहियों में 38-39 प्रतिशत था।
जेएम फाइनैंशियल रिसर्च के विश्लेषकों मेहुल देसाई और सुमन्यु सराफ का कहना है कि दिसंबर तिमाही में सकल मार्जिन वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ा। इसमें हमारे अनुमान के मुकाबले 6 आधार अंक की वृद्धि दर्ज की गई। उनका कहना है कि भारतीय व्यवसाय का मार्जिन बेहतर रहा। सकल मार्जिन में तिमाही आधार पर वृद्धि से इसे मदद मिली।
तिमाही में परिचालन मुनाफा मार्जिन सालाना आधार पर 2 प्रतिशत तक बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया और इसे उत्पाद लागत में नरमी से मदद मिली। कंपनी ने संकेत दिया है कि 15 प्रतिशत के समेकित परिचालन मुनाफा मार्जिन को आधार माना जा सकता है और इसमें सुधार की संभावना बरकरार है। शेयरखान रिसर्च का मानना है कि भविष्य में मार्जिन के मुख्य वाहक नए व्यवसायों में मजबूत वृद्धि, ज्यादा मार्जिन वाले अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय में अच्छे सुधार और कुछ मुख्य उत्पाद कीमतों (नमक एवं चाय समेत) में स्थिरता से जुड़े होंगे।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च ने तीसरी तिमाही के प्रदर्शन को देखते हुए कंपनी के लिए अपना वित्त वर्ष 2024 का परिचालन मुनाफा अनुमान 5 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। ब्रोकरेज को 12 प्रतिशत की सालाना राजस्व वृद्धि की उम्मीद है, जबकि परिचालन मुनाफा और शुद्ध मुनाफा वृद्धि वित्त वर्ष 2023 से 2025-25 के दौरान 18 प्रतिशत से 23 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
जहां ब्रोकर कंपनी के परिदृश्य के बारे में उत्साहित (इस शेयर को कवर करने वाले 70 प्रतिशत विश्लेषकों ने ‘खरीदें’ रेटिंग दी है) हैं, वहीं कुछ महंगे मूल्यांकन की वजह से सतर्क बने हुए हैं। अपने 2024-25 के आय अनुमानों के 70 गुना पर, टाटा कंज्यूमर देश में बेहद महंगी सूचीबद्ध उपभोक्ता कंपनी है।
निफ्टी एफएमसीजी का औसत कीमत आय अनुपात 35 गुना है और इसके ज्यादातर प्रतिस्पर्धी अपनी एक वर्षीय आगामी आय के 55 गुना से कम पर कारोबार कर रहे हैं। इक्विरस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों रौनक सोनी और रौनक शाह का कहना है कि नए उत्पाद विकास और भारतीय व्यवसाय में महंगे उत्पादों की बढ़ती लोकप्रियता मार्जिन सुधार के लिए जरूरी होगी।