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क्रेडिट रिस्क फंडों की फिर बढ़ रही है लोकप्रियता

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:07 PM IST

वर्ष 2020 में भारी पूंजी निकासी के बाद क्रेडिट रिस्क फंड एक बार फिर से निवेशकों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। वर्ष 2021 में उनमें 917 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया था, जबकि पूर्ववर्ती वर्ष वर्ष में इनमें 35,710 करोड़ रुपये की शुद्घ निकासी हुई थी।
वर्ष 2020 में भारी बिकवाली डाउनग्रेड के सिलसिले और कॉरपोरेट पत्रों में चूक की वजह से भी हुई जिससे जोखिम उठाने की क्षमता घट गई। इसके अलावा, फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्युचुअल फंड ने अपनी 6 योजनाओं को बंद करने का निर्णय लिया, जिससे भी अनिश्चितता को बढ़ावा मिला।
मॉर्निंगस्टार ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, ‘लंबे समय बाद, इस श्रेणी में शुद्घ पूंजी प्रवाह दिखना शुरू हुआ है, भले ही इसकी मात्रा बहुत ज्यादा नहीं है जिससे यह कहा जा सकता है कि शायद यह श्रेणी ऐसे वक्त अपनी पकड़ बनाने में मजबूत रही है जब निकासी दर्ज की जा रही है।’
इस श्रेणी में शुद्घ पूंजी प्रवाह के लिए पिछले एक साल में क्रेडिट रिस्क फंडों में प्रदर्शन में सुधार को भी जिम्मेदार माना जा सकता है, भले ही कमजोर मौद्रिक नीतियों के कारण प्रतिफल पर दबाव बना हुआ है।
औसत तौर पर, क्रेडिट रिस्क फंडों ने पिछले एक साल में करीब 9.4 प्रतिशत का प्रतिफल दिया है, जो अन्य डेट श्रेणियों में सर्वाधिक है। इस श्रेणी में कुछ योजनाएं पिछले साल में दो अंक का अच्छा प्रतिफल देने में कामयाब रहीं।
क्रेडिट रिस्क फंड ऐसी योजनाएं हैं जो ज्यादा रेटिंग वाली कंपनियों से जुड़ी नहीं होती हैं और इनका मकसद अधिक प्रतिफल मुहैया कराना होता है।
मॉर्निंगस्टार के अनुसार, वर्ष 2021 में सर्वाधिक शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज करने वाले फंड थे एचडीएफसी क्रेडिट रिस्क फंड (1,858 करोड़ रुपये), आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल क्रेडिट रिस्क (1,223 करोड़ रुपये) और यूटीआई क्रेडिट रिस्क (157 करोड़ रुपये)।
दूसरी तफ, जिन फंडों में सर्वाधिक निकासी दर्ज की गई, उनमें एसबीआई क्रेडिट रिस्क (550 करोड़ रुपये), निप्पॉन इंडिया क्रेडिट रिस्क (259 करोड़ रुपये) और कोटक क्रेडिट रिस्क (81 करोड़ रुपये) शामिल थे।
फंड प्रबंधकों का यह भी कहना है कि क्रेडिट श्रेणी उन निवेशकों के लिए आकर्षक बनी हुई है जो डेट फंडों में कुछ ज्यादा जोखिम लेना पसंद करते हैं।
ऐक्सिस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में फिक्स्ड इनकम के प्रमुख आर शिवकुमार ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा था, ‘क्रेडिट श्रेणी तीन से पांच साल की निवेश अवधि वाले निवेशकों के लिए आकर्षक दांव बनी हुई है, क्योंकि सुधरते आर्थिक चक्र और तरलता समर्थन से ऋण जोखिम संबंधित चिंताएं कम हुई हैं, खासकर ऊंची गुणवत्ता वाली कंपनियों में। जहां हम अपनी जांच प्रक्रिया की वजह से चयन को लेकर सतर्क बने हुए हैं, वहीं हमारा मानना है कि मौजूदा परिवेश ऋण जोखिम के लिहाज से अनुकूल है।’

First Published : February 21, 2022 | 11:23 PM IST