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आईडीबीआई में ज्यादा हिस्सा ले सकेंगे खरीदार

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 5:18 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-वित्तीय संस्थानों और गैर-विनियमित इकाइयों को आईडीबीआई बैंक में 40 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी देने के केंद्र के आग्रह को संभवत: स्वीकार कर लिया है। केंद्र रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया के जरिये इस बैंक में 51 से 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के बारे में विचार कर रहा है।
इस समय गैर-वित्तीय संस्थान 10 फीसदी और निजी इक्विटी कंपनियों जैसी गैर-विनयमित इकाइयां 15 फीसदी हिस्सेदारी रख सकती हैं, जबकि नियमित एवं सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) को बैंकों में 40 फीसदी तक हिस्सेदारी रखने की मंजूरी है। आरबीआई 40 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखने की मंजूरी हर मामले के आधार पर देता है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘आईडीबीआई बैंक के रणनीतिक विनिवेश की शर्तों को लेकर आरबीआई और केंद्र एकमत हैं।’ अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय बैंक से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया था कि बहुत सी गैर-विनियमित इकाइयां विनिवेश प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहती हैं और ज्यादा हिस्सेदारी लेना चाहती हैं।
केंद्रीय बैंक ने अपने मौजूदा दिशानिर्देशों को बयां करते हुए केंद्र को जवाब दिया है कि हालांकि गैर-विनियमित इकाइयों के लिए शेयरधारिता की सीमा 15 फीसदी है, लेकिन वे आरबीआई की मंजूरी मिलने पर किसी बैंक में 40 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी अधिग्रहीत कर सकती हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह केंद्र के आग्रह पर गैर-विनियमित इकाइयों को आईडीबीआई बैंक में 40 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखने की मंजूरी देगा।
आईडीबीआई बैंक में केंद्र और एलआईसी का 51 फीसदी से अधिक हिस्सा बेचने के लिए निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के बोलियां आमंत्रित करने से पहले इस स्पष्टता की दरकार थी। यह उस स्थिति के समाधान के लिए था, जिसमें आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए पात्रता के मानदंडों को पूरा करने वाली किसी इकाई को आरबीआई द्वारा तय मौजूदा बैंक शेयरधारिता सीमा के आधार पर अपात्र घोषित कर दिया जाएगा।
इस बारे में आरबीआई के प्रवक्ता को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला। केंद्र और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) दोनों आईडीबीआई बैंक में 51 से 74 फीसदी तक हिस्सेदारी बेच सकते हैं। इस बिक्री की वास्तविक मात्रा जल्द ही तय की जाएगी। केंद्र की आईडीबीआई बैंक में 45.48 फीसदी जबकि एलआईसी की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है। वैकल्पिक व्यवस्था जल्द ही बैंक में बेची जाने वाली शेयरधारिता की वास्तविक मात्रा पर फैसला लेगी। वैकल्पिक व्यवस्था में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी शामिल हैं। आईडीबीआई बैंक में 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के कदम से निजी बैंकों में केंद्र द्वारा तय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा तक विदेशी निवेशकों आ पाएंगे। हालांकि केंद्र और एलआईसी दोनों 74 फीसदी से कम हिस्सेदारी बेच सकते हैं। इस सीमा पर केवल इसलिए विचार किया जा रहा है ताकि निजी बैंकों में 74 फीसदी की मौजूदा एफडीआई सीमा के कारण विदेशी निवेशकों का प्रवेश बाधित न हो।

First Published : July 26, 2022 | 1:04 AM IST