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बॉन्ड और रुपये में तेजी कच्चे तेल का रुख नरम

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 3:47 PM IST

सरकारी बॉन्ड और रुपये में गुरुवार को तेजी देखी गई, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें गिरकर सात महीने में अपने निचले स्तर पर पहुंच गईं। डीलरों का कहना है कि ऊंची घरेलू मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताएं कम होने से भी घरेलू मुद्रा में तेजी आई है। 

10 वर्षीय बेंचमार्क 7.26 प्रतिशत 2032 बॉन्ड पर प्रतिफल 7.08 पर रहा जबकि इसका पूर्ववर्ती बंद भाव 7.13 प्रतिशत था। बॉन्ड कीमतों और प्रतिफल का विपरीत संबंध है और 10 वर्षीय बॉन्ड में एक आधार अंक की गिरावट से इसकी कीमत में करीब 7 पैसे की तेजी को बढ़ावा मिलता है। 

डॉलर के मुकाबले रुपया 79.72 पर बंद हुआ, जिसका पूर्ववर्ती बंद भाव 79.90 प्रति डॉलर था। वर्ष 2022 में अब तक इस घरेलू मुद्रा में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 6.7 प्रतिशत की कमजोरी आ चुकी है।

अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में बुधवार को भारी गिरावट दर्ज की गई और ये रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला शुरू करने से पहले की कीमतों से भी नीचे पहुंच गईं। रॉयटर्स की खबर के अनुसार, बुधवार को अनुबंध कीमतें 87.40 डॉलर प्रति बैरल रहीं, जो 25 जनवरी के बाद से सबसे कम, लेकिन गुरुवार मामूली ऊपर रहीं। 
कच्चे तेल की कीमतों में कमी से भारत की मुद्रास्फीति और व्यापार घाटे के लिए जो​खिम घटे हैं, क्योंकि देश अपनी तेल जरूरतों का 80 प्रतिशत से ज्यादा आयात करता है। पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने मुद्रास्फीति अनुमान व्यक्त करते वक्त घरेलू कच्चे तेल के संदर्भ में 105 डॉलर प्रति बैरल की औसत कीमत का अनुमान जताया। 

First Published : September 8, 2022 | 9:49 PM IST