बेंचमार्क सेंसेक्स में शुक्रवार को 0.6 फीसदी यानी 308 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज हुई और इस तरह से फरवरी के आम बजट के बाद सेंसेक्स ने दो हफ्ते की सबसे बड़ी उछाल दर्ज की। 14 मई के बाद इंडेक्स इस आशावाद में 5.5 फीसदी यानी 2,690 अंक चढ़ा है कि कोविड के घटते मामलों से पाबंदी में ढील दी जाएगी और आर्थिक गतिविधियां बहाल करने में मदद मिलेगी। बजट से उत्साहित होकर फरवरी के पहले दो हफ्तों में सेंसेक्स 11.4 फीसदी यानी 5,259 अंक चढ़ा था, जिसमें कर में इजाफा किए बिना बढ़त को बहाल करने की कोशिश की गई थी।
सेंसेक्स 51,423 अंक पर बंद हुआ, जो 15 फरवरी की पिछली रिकॉर्ड ऊंचाई 52,154 अंक से 731 अंक यानी 1.42 फीसदी पीछे है। इस बीच, निफ्टी लगातार दूसरे दिन अब तक के सर्वोच्च स्तर पर बंद हुआ। लगतार छठे कारोबारी सत्र में यह इंडेक्स 98 अंक चढ़कर 15,435 अंक पर बंद हुआ।
शुक्रवार की बढ़त को पूरी तरह से इंडेक्स की दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज में हुए इजाफे से सहारा मिला, जिसमें इस आशावाद में 6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई कि पेट्रोकेमिकल के मार्जिन में सुधार होगा। अगर रिलायंस नहीं चढ़ता तो सेंसेक्स व निफ्टी नुकसान के साथ बंद होते।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज के मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी ने कहा, पिछले कुछ दिनों से कोविड के मामले कम होने और रिकवरी दर में सुधार से बाजार को बल मिला है। कोविड के मामलों में सुधार के साथ भारत वैश्विक बाजारों के आसपास पहुंचने की कोशिश कर रहा है। अगर सरकार कोविड की दूसरी लहर अगले 15-30 दिनों में पूरी तरह से रोकने में कामयाब होती है तो कारोबार खुलने से बाजार को सहारा मिलेगा और मौजूदा तेजी टिकी रहेगी। जून के बाद अर्थव्यवस्था की अनलॉकिंग मेंं देरी अल्पावधि के लिहाज से अहम जोखिम रहेगा।
पिछले 24 घंटे में भारत ने कोविड के 1.86 लाख नए मामले दर्ज किए हैं, जो पिछले 44 दिनों का सबसे कम संक्रमण है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सोमवार से राष्ट्रीय राजधानी में धीरे-धीरे अनलॉकिंग शुरू होगी क्योंकि कोविड की स्थिति नियंत्रण में आ रही है।
विश्लेषक वित्त वर्ष 22 में भारतीय कंपनी जगत की आय में भारी उछाल का अनुमान जता रहे हैं, साथ ही कह रहे हैं कि भारत की जीडीपी दो अंकों के करीब पहुंच सकती है। हालांकि विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि टीकाकरण की सुस्त रफ्तार से बढ़त को लेकर मध्यावधि का जोखिम पैदा हो सकता है, खास तौर से अगर भारत कोविड की तीसरी लहर का सामना करता है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, बाजार हरे निशान में बना रहा क्योंकि निवेशकों को तीन लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण की महिमा रास आई, जो व्यापक बाजार में तेजी की वजह से हासिल हो पाया। अप्रैल व मई में एफआईआई शुद्ध बिकवाल रहे हैं, ऐसे में देसी निवेशकों की तरफ से हुई खरीद पूरे बाजार में प्रतिबिंबित हुई है।
एशियाई व यूरोपीय बाजार शुक्रवार को ज्यादातर चढ़े और हफ्ते का अंत मोटे तौर पर बढ़त के साथ हुआ। एशियाई शेयर बाजार शुक्रवार को चढ़े, जिसे अमेरिका में आर्थिक सुधार के उत्साहजनक संकेत से बल मिला क्योंंकि वहां महामारी के बाद रफ्तार धीरे-धीरे तेज हो रही है।
निवेशक इस पर दांव लगा रहे हैं कि अमेरिका कोविड महामारी से दुनिया को बाहर निकालने की अगुआई करेगा, जो बाइडन सरकार की तरफ से खरबों डॉलर के खर्च पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।