बेंचमार्क सूचकांकों ने उत्साहजनक आर्थिक आंकड़ों के दम पर दो महीने की सबसे बड़ी एकदिवसीय उछाल दर्ज की। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चीन की तरफ से प्रोत्साहन के नए कदमों के बाद अनुकूल वैश्विक संकेतों से जोखिम उठाने को लेकर निवेशकों की इच्छाशक्ति मजबूत हुई।
सेंसेक्स 556 अंकों की उछाल के साथ 65,387 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी ने 181 अंकों की बढ़त के साथ 19,435 पर कारोबार की समाप्ति की, जो 30 जून के बाद की सबसे ज्यादा बढ़त है। शुक्रवार की बढ़त ने दोनों सूचकांकों को पिछले पांच हफ्ते से चली आ रही गिरावट से उबरने में मदद मिली।
भारत की अर्थव्यवस्था की बढ़त की रफ्तार अप्रैल-जून तिमाही (वित्त वर्ष 2024) में 7.8 फीसदी रही, जो पिछली चार तिमाहियों की सबसे तेज रफ्तार है। भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में भी अगस्त में विस्तार जारी रहा। एसऐंडपी ग्लोबल परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अगस्त में तीन माह के उच्चस्तर 58.6 फीसदी पर पहुंच गया। अगस्त 26वां माह रहा जब 50 से ज्यादा पीएमआई देखने को मिला।
विश्लेषकों ने कहा कि देश में मांग की स्थिति की मजबूत बढ़ोतरी जीडीपी के आंकड़ों में प्रतिबिंबित हो रही है, जिसने लगातार दो तिमाहियों में बढ़ोतरी को लेकर चौंकाया है।
मॉर्गन स्टैनली की मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) उपासना चाचरा ने कहा, हमें सुदृढ़ता बने रहने की उम्मीद है, जिसे अनुकूल ढांचे व साइक्लिकल संकेतकों से सहारा मिलेगा। अर्थव्यवस्था में हर जगह मजबूत बैलेंस शीट और आपूर्ति को लेकर सरकार की तरफ से हो रहे सुधार से कई साल की बढ़त के चक्र की आधारशिला सुनिश्चित हो सकती है।
कोटक महिंद्रा ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष व इक्विटी शोध प्रमुख शिवानी सरकार कुरियन ने कहा कि इक्विटी बाजारों में तेजी मजबूत आर्थिक व आय व मुद्रा प्रवाह के आंकड़ों के कारण देखने को मिली है। उन्होंने कहा, भारत का आर्थिक फंडामेंटल सुदृढ़ नजर आ रहा है, जहां वृद्धि का स्थिर प्रोफाइल है, मुख्य महंगाई मोटे तौर पर नियंत्रण में है और बाह्य क्षेत्र का संतुलन सहज स्थिति में है।
ज्यादातर एशियाई बाजार बढ़त के साथ बंद हुए जब पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने कहा कि वह विदेशी मुद्रा जमाएं घटाएगा, जिसे रिजर्व के तौर पर रखना जरूरी होता है। चीन के केंद्रीय बैंक की घोषणा वहां के अधिकारियों की तरफ से प्रॉपर्टी क्षेत्र को बहाल करने के लिए प्रोत्साहन के ऐलान और चाइल्ड व पैरेंटल केयर के अलावा शिक्षा के लिए कर रियायत के विस्तार के बाद देखने को मिली।
चीन के अधिकारियों ने बढ़ते कर्ज को लेकर चिंता के बीच बड़े आर्थिक सुधारों को टाल दिया है। विश्लेषकों ने कहा कि चीन के अधिकारियों ने बाजार के उम्मीद से ज्यादा कदम उठाए हैं लेकिन इसे देखना होगा कि उसके कदम से अर्थव्यवस्था में कितना सुधार हुआ।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शुक्रवार को 488 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की, वहीं देसी संस्थानों ने करीब 2,300 करोड़ रुपये का निवेश किया। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात सकारात्मक रहा और 2,124 शेयर चढ़े जबकि 1,554 में गिरावट आई। सेंसेक्स के 80 फीसदी से ज्यादा शेयर चढ़े। आईसीआईसीआई बैंक में 1.13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और इसने सेंसेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान किया।
इसके बाद एनटीपीसी का स्थान रहा, जिसमें 4.8 फीसदी की उछाल आई। बीएसई मिड व स्मॉलकैप इंडेक्स बंद आधार पर अब तक के सर्वोच्च स्तर को छू गए। ऐसा ही हाल बीएसई पीएसयू इंडेक्स का रहा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, भारत के पीएसयू बैंकों की रेटिंग की पुष्टि फिच की तरफ से किए जाने के बाद पीएसयू बैंकों में नई खरीदारी देखने को मिली। कुल मिलाकर हमें बाजार एक सीमित दायरे में रहने की उम्मीद है और किसी खास क्षेत्र व शेयर विशेष में हलचल दिखेगी क्योंकि व्यापक बाजार की रफ्तार सकारात्मक बनी हुई है।
अदाणी के 10 में से आठ शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जो एक दिन पहले ऑर्गनाइज्ड क्राइम ऐंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट के आरोपों के कारण कुल 36,000 करोड़ रुपये का बाजार मूल्यांकन गंवा चुके थे। शुक्रवार को समूह ने बाजार पूंजीकरण में 13,500 करोड़ रुपये जोड़े।