देसी म्युचुअल फंडों की योजना न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) लाने की है क्योंकि इस पर लगी तीन महीने की पाबंदी खत्म हो गई है। उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि इक्विटी व हाइब्रिड श्रेणी में करीब एक दर्जन एनएफओ अगले कुछ हफ्ते में बाजार में पेश हो सकते हैं क्योंकि परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां बढ़ी मांग और मूल्यांकन में आई गिरावट का फायदा उठाना चाहती हैं।
मंगलवार को एडलवाइस एएमसी का मल्टीकैप फोकस्ड इक्विटी फंड और वाइटओक का कैपिटल फ्लेक्सीकैप फंड सबस्क्रिप्शन के लिए खुल गया। अगले हफ्ते क्वांटम एएमसी अपने पहले इंडेक्स फंड की पेशकश की घोषणा कर सकती है।
अप्रैल से 37 लाख करोड़ रुपये के म्युचुअल फंड उद्योग ने एक भी योजना पेश नहीं की है, जिसकी वजह निवेशकों के फंडों की पूलिंग से जुड़े नए नियमों के क्रियान्वयन में देरी थी, जो 1 अप्रैल से प्रभावी हुआ था। एनएफओ से पाबंदी हटा ली गई है क्योंकि उद्योग ने कामयाबी के साथ इन नियमों को लागू कर दिया है, जिसे क्लाइंटों की प्रतिभूतियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया है।
जून 2021 से अप्रैल 2022 के बीच इक्विटी व हाइब्रिड एनएफओ के जरिये 67,400 करोड़ रुपये जुटाए गए। विशेषज्ञों ने कहा कि एनएफओ की बहाली से इक्विटी योजनाओं में निवेश हासिल करने में मदद मिलेगी, जो विदेशी फंडों की तरफ से की गई बिकवाली की भरपाई के लिहाज से अहम है।
फंड्सइंडिया के शोध प्रमुख अरुण कुमार ने कहा, हमने हालांकि उतारचढ़ाव में इजाफा देखा है, लेकिन देसी निवेशकों में घबराहट नहीं है। यहां तक कि बाजार नीचे आए हैं लेकिन निवेश मजबूत बना हुआ है और फंड हाउस आक्रमकता के साथ एनएफओ पेश करने पर विचार कर रहे हैं, जो मौजूदा निवेश को सहारा देगा।
माह दर माह के लिहाज से इक्विटी योजनाओं में निवेश थोड़ा कम हुआ है क्योंकि शेयर कीमतों में गिरावट आई है और एनएफओ पर पाबंदी लगी है। सकारात्मक निवेश को मोटे तौर पर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान का सहारा मिला है। जून में इक्विटी योजनाओं ने लगातार 16वें महीने सकारात्मक निवेश हासिल किया। यह हालांकि 15,498 करोड़ रुपये रहा, जो 2022 के औसत से 18 फीसदी कम है। बाजार नियामक सेबी ने फंड हाउस को हर श्रेणी में सिर्फ एक ओपन ऐंडेड योजनाएं पेश करने की इजाजत दी है। इसके परिणामस्वरूप एएमसी प्रॉडक्ट गैप को भरने के लिए सिर्फ एक नई योजना पेशकर पाएंगे।
टीबीएनजी कैपिटल एडवाइजर्स के संस्थापक व सीईओ तरुण बिरानी ने कहा, हमें मौजूदा प्रॉडक्ट की पेशकश की काई पाटने के लिए ही एनएफओ पर ध्यान देना चाहिए। क्लाइंट पोर्टफोलियो में मौजूदा खाई अंतरराष्ट्रीय निवेश, कम लागत वाला इंडेक्स फंड और स्मार्ट बीटा स्ट्रैटिजी हो सकती है।
पिछले कुछ हफ्तों में एएमसी ने एनएफओ के लिए पेशकश दस्तावेज सेबी के पास जमा कराए हैं। उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि एनएफओ की वास्तविक संख्या शुरुआती पेशकश को मिलने वाली प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगी।
कुमार ने कहा, चूंकि ज्यादातर एएमसी एनएफओ लाना चाहेंगे जब निवेश पहले से ही मजबूत है तो एंट्री पॉइंट बेहतर रहेगा। लेकिन शुरुआती एनएफओ पर निवेशकों की प्रतिक्रिया के बाद एएमसी अपनी योजनाओं में फेरबदल कर सकती हैं।