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मार्केट का मोदी पर भरोसा! बीजेपी की सत्ता में वापसी की 70% संभावना : जेफरीज

जेफ़रीज़ का मानना है कि 20% आशंका है कि भाजपा को स्पष्ट बहुमत के लिए पर्याप्त सीटें नहीं मिलेंगी लेकिन फिर भी वह अपने सहयोगियों की मदद से सरकार बना सकती है।

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- September 01, 2023 | 3:50 PM IST

जेफ़रीज़ के विश्लेषकों का मानना है कि मई 2024 में आगामी आम चुनावों के नतीजों में वर्तमान सरकार के सत्ता में बने रहने की संभावना है। उनका मानना है कि मौजूदा सरकार के सत्ता में वापसी के 70% चांस हैं। इसे सबसे संभावित परिणाम के रूप में देखा जाता है जिसके लिए वित्तीय बाज़ार योजना बना रहे हैं।

जेफ़रीज़ के विश्लेषकों अनुमान है कि अगर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बहुमत हासिल करती है, तो यह कुछ सेक्टर्स के लिए फायदे वाली बात होगी। इन सेक्टर्स में रियल एस्टेट, सीमेंट और मैन्युफैक्चरिंग जैसे निर्माण-संबंधित बिजनेस, साथ ही बड़े बैंक और छोटी कंपनियां (स्मॉल और मिडकैप) शामिल हैं।

जेफ़रीज़ ने कुछ महत्वपूर्ण जोखिमों की ओर भी इशारा किया। इनमें सत्ता-विरोधी लहर, वोटों की संख्या में छोटे बदलावों का भी नतीजों पर बड़ा प्रभाव पड़ना और आश्चर्यजनक परिणाम के उदाहरण के रूप में 2004 का चुनाव शामिल हैं। उनका सुझाव है कि चुनाव से पहले बाजार में कोई भी उतार-चढ़ाव उन उद्योगों में निवेश करने का मौका हो सकता है जो भारतीय अर्थव्यवस्था से निकटता से जुड़े हुए हैं।

आने वाले महीनों में पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मणिपुर में चुनाव होंगे। ये चुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये हमें संकेत देंगे कि भाजपा कैसा प्रदर्शन कर रही है और 2024 के चुनावों में क्या हो सकता है। 2018 में, भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के हाथों सत्ता खो दी थी, जिसे उनके लिए अच्छे परिणाम के रूप में नहीं देखा गया था।

जेफ़रीज़ के प्रबंध निदेशक (एमडी) महेश नंदुरकर ने अभिनव सिन्हा और निशांत पोद्दार के साथ को-ऑथर्ड एक हालिया नोट में लिखा, “मौजूदा सरकार के सत्ता में बने रहने की संभावना है, लेकिन यह एक करीबी फैसला हो सकता है। इसलिए, उन क्षेत्रों में अधिक निवेश करें जो बैंकों, उद्योगों और रियल एस्टेट जैसे प्रोजेक्ट पर बढ़ते खर्च से लाभान्वित होते हैं। हमारी टॉप पसंदों में एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, एलएंडटी, अल्ट्राटेक और थर्मैक्स, केईआई इंडस्ट्रीज, सीमेंस और कजरिया जैसी कुछ छोटी औद्योगिक और प्रॉपर्टी कंपनियां शामिल हैं। हम चुनाव से पहले रोजमर्रा का सामान बनाने वाली कंपनियों में अधिक निवेश करने का सुझाव भी दे रहे हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अनुकूल नीतियों की उम्मीद है।”

पिछले चार राष्ट्रीय चुनावों में से, दो पिछले चुनावों के नतीजे लगभग पहले लगाए गए अनुमान के मुताबिक आए। हालांकि, चुनाव नतीजों के आसपास के 10 दिनों के दौरान, भारतीय शेयर बाज़ार ने MSCI AxJ इंडेक्स से 5-9 प्रतिशत अंक बेहतर प्रदर्शन किया।

भारत में पिछले चार आम चुनावों (2004, 2009, 2014 और 2019) को देखते हुए, ऐसा प्रतीत होता है कि शेयर बाजार चुनाव की तारीख से लगभग छह महीने पहले अपेक्षित चुनाव परिणामों का अनुमान लगाना और उसका बाजार पर असर दिखाना शुरू कर देते हैं। नंदुरकर के अनुसार, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शेयर बाजार ऐसी सरकार को पसंद करते हैं जो स्थिर हो और जिसका नेतृत्व ऐसे नेता द्वारा किया जाता है जो विकास और सुधार के लिए प्रतिबद्ध हो।

नोट में कहा गया है, “चुनावी सप्ताह से पहले छह महीनों में, वित्तीय बाजारों में भारत का प्रदर्शन 2014 के चुनावों से पहले बेहतर था लेकिन 2019 के चुनावों में उम्मीदों के अनुरूप था। यह जानना महत्वपूर्ण है कि दिसंबर 2018 में, 2019 के राष्ट्रीय चुनावों से लगभग 4-5 महीने पहले, भाजपा मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तीन महत्वपूर्ण राज्य चुनाव हार गई। इस झटके के बावजूद, भाजपा ने फिर भी राष्ट्रीय चुनाव में जोरदार जीत हासिल की।”

जेफ़रीज़ का मानना है कि 20% आशंका है कि भाजपा को स्पष्ट बहुमत के लिए पर्याप्त सीटें नहीं मिलेंगी लेकिन फिर भी वह अपने सहयोगियों की मदद से सरकार बना सकती है।

इस स्थिति में, वे कुछ लोकलुभावन उपायों की आशा करते हैं लेकिन उम्मीद करते हैं कि सरकार अपने मुख्य लक्ष्यों पर केंद्रित रहेगी। उनका सुझाव है कि यदि ऐसा होता है, तो रियल एस्टेट, लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), सीमेंट जैसे कुछ व्यावसायिक निवेश और विवेकाधीन उपभोग जैसे क्षेत्रों में निवेश करना एक अच्छा विचार है।

जेफ़रीज़ ने 10% संभावना जताई है कि विपक्षी गठबंधन (जिसे I.N.D.I.A कहा जाता है) एक ऐसी सरकार बनाने के लिए एक साथ आ सकता है जो बहुत मजबूत नहीं है और लोकलुभावन निर्णय ले सकती है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा होता है, तो निवेशकों का विश्वास कम हो सकता है, और उन्हें शेयर बाजारों में 10% से अधिक की गिरावट की आशंका है। ऐसी स्थिति में, वे बाजार में शुरुआती गिरावट के बाद आवश्यक वस्तुओं (स्टेपल्स), सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), फार्मास्यूटिकल्स और भारतीय अर्थव्यवस्था (घरेलू चक्रीय) से जुड़े व्यवसायों में निवेश पर विचार करने की सलाह देते हैं।

First Published : September 1, 2023 | 3:17 PM IST