Categories: बाजार

तीन दिन में 3 फीसदी टूटा बाजार

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:52 PM IST

बॉन्ड प्रतिफल में तेजी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में उबाल से निवेशकों में घबराहट है, जिससे घरेलू बाजार में आज लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई।
बेंचमार्क सेंसेक्स 634 अंक या 1.06 फीसदी गिरकर 59,464 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 181 अंक के नुकसान के साथ 17,757 पर बंद हुआ। पिछले तीन दिन में सेंसेक्स में करीब 1,844 अंक या 3 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। करीब आठ कारोबारी सत्र के बाद सेंसेक्स 60 हजार से नीचे आया है। तीन दिन की बिकवाली के बाद इस साल अब तक शेयर बाजार की बढ़त घटकर 2.1 फीसदी रह गई है जो इस हफ्ते की शुरुआत में 5.2 फीसदी थी।
अधिकतर वैश्विक बाजारों में घबराहट देखी जा रही है क्योंकि 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल 1.9 फीसदी पर पहुंच गया है, जो साल की शुरुआत में 1.5 फीसदी पर था। बॉन्ड प्रतिफल में तेजी ऐसे समय में आ रही है, जब निवेशकों को लग रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है।
कच्चे तेल में तेजी भारतीय बाजार के लिए दोहरी मार की तरह है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 88 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं, जो 2014 के बाद से सबसे अधिक हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तेल की कीमतों में तेजी से भारत के वृहद आर्थिक परिदृश्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है क्योंकि भारत कच्चे तेल के आयात पर ज्यादा निर्भर है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक भी समय से पहले ब्याज दरें बढ़ाने के लिए प्रेरित हो सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के सह-संस्थापक और चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने कहा, ‘दुनिया भर में मुद्रास्फीति में तेजी इस समय सबसे बड़ी चिंता है। मुद्रास्फीति मुख्य रूप से जिंसों के दाम बढऩे की वजह से है। जब तक जिंसों के दाम ऊंचे बने रहेंगे मुद्रास्फीति भी परेशान करती रहेगी। ऐसे में केंद्रीय बैंकों को इसे काबू में करने के उपाय करने होंगे। कंपनियों के बेहतर नतीजों से बाजार को थोड़ी राहत मिल सकती है। बजट, राज्यों के विधानसभा चुनावों, मुद्रास्फीति आदि से बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
बॉन्ड प्रतिफल बढऩे के कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत में शुद्घ बिकवाल बन गए हैं। देसी संस्थागत निवेशकों ने भी पिछले कुछ सत्रों में बिकवाली की है।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज में मुख्य निवेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी ने कहा, ‘केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरें बढ़ाए जाने और तरलता घटाए जाने से 2022 में बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है। मेरे विचार से दीर्घावधि के निवेशकों को इस उतार-चढ़ाव को इक्विटी में अपना आवंटन बढ़ाने के अवसर के रूप में लेना चाहिए। प्रत्येक गिरावट पर खरीदारी का मौका मिल सकता है।’
शेयरों का मूल्यांकन ज्यादा होने और कोविड मामले बढऩे से इक्विटी का संतुलन फिर गड़बड़ा रहा है। भारत में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3.17 लाख नए मामले सामने आए हैं। कोविड के मामले बढऩे से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने की चिंता है।

First Published : January 20, 2022 | 10:46 PM IST