भारतीय विश्वविद्यालय और कॉलेज अब साल में दो बार दाखिला ले सकेंगे, ठीक उसी तरह जैसे विदेशी विश्वविद्यालय करते हैं। यूजीसी प्रमुख जगदीश कुमार ने कहा, इस योजना को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने मंजूर कर दी है। अब जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दाखिला लिया जा सकेगा, यह व्यवस्था 2024-25 शैक्षणिक सत्र से शुरू होगी।
यूजीसी के प्रमुख जगदीश कुमार का कहना है कि इससे कई छात्रों को फायदा होगा। जैसे जिन छात्रों के बोर्ड रिजल्ट देर से आए या बीमारी या किसी अन्य कारणवश दाखिला चूक गए। साल में दो बार दाखिले से छात्रों का जोश बना रहेगा क्योंकि उन्हें अगले साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कंपनियां भी साल में दो बार कैंपस प्लेसमेंट कर सकेंगी, जिससे ग्रेजुएट्स को नौकरी के ज्यादा अवसर मिलेंगे।
जगदीश कुमार ने बताया कि इससे कॉलेज और विश्वविद्यालय टीचर्स, लैब्स, क्लासरूम और बाकी सुविधाओं का बेहतर इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ एक्सचेंज प्रोग्राम भी बढ़ेंगे और भारत की वैश्विक स्तर पर शिक्षा में प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी।
उन्होंने आगे कहा, दुनिया भर के विश्वविद्यालय पहले से ही साल में दो बार दाखिला देते हैं। अगर भारतीय संस्थान भी ऐसा करते हैं, तो इससे विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कार्यक्रम चलाना और छात्रों का आदान- प्रदान आसान हो जाएगा। इससे भारत की वैश्विक स्तर पर शिक्षा में प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी और हमारी शिक्षा व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर के और करीब आएगी।
उन्होंने कहा, “लेकिन यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि साल में दो बार दाखिला देना सभी संस्थानों के लिए अनिवार्य नहीं है। इसका फायदा सिर्फ वही संस्थान उठा सकते हैं जिनके पास जरूरी चीजें मौजूद हों, जैसे बुनियादी ढांचा और पर्याप्त शिक्षक। साल में दो बार दाखिला लेने के लिए संस्थानों को अपने नियमों में भी बदलाव करना होगा।”
“साथ ही उन्हें इस बदलाव को सुचारू रूप से लागू करने के लिए प्रशासनिक कामों को दुरुस्त करना होगा, संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना होगा और अलग-अलग समय पर दाखिला लेने वाले छात्रों की मदद के लिए अच्छी व्यवस्था बनानी होगी। कुल मिलाकर, शिक्षक, कर्मचारी और छात्र – सभी को इस बदलाव के लिए तैयार करना होगा तभी साल में दो बार दाखिले का पूरा फायदा उठाया जा सकता है।”(PTI के इनपुट के साथ)