स्वास्थ्य

Covid-19: Covovax को मिक्स ऐंड मैच बूस्टर लगाने की अनुमति

Published by
सोहिनी दास
Last Updated- January 17, 2023 | 10:35 PM IST

देश में दैनिक कोविड-19 के मामले 100 के नीचे आने लगे हैं और भारत ने एहतियाती (बूस्टर) खुराक के लिए टीके के मिक्स ऐंड मैच का उपयोग करने की अनुमति मिलने वाली है।

भारत बायोटेक के नेजल (नाक के) टीके को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की दो आवश्यक खुराक के बाद एक विषम बूस्टर के रूप में मंजूरी पहले ही मिल गई थी और अब, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसएसआई) के कोवोवैक्स को भी मंजूरी मिलने की बारी है।

भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (डीजीसीआई) ने एसएसआई के कोवोवैक्स को बाजार में बिक्री करने की अनुमति दे दी है। यह नोवावैक्स टीका है जिसको एसएसाई द्वारा भारत में निर्मित करके कोवोवैक्स के नाम से बेचा जाएगा। यह टीका उन वयस्कों में विषम बूस्टर के रूप में लगाया जाएगा जो पहले या दूसरे खुराक के रूप में कोवीशील्ड या कोवैक्सीन का टीका लगवा चुके हैं।

इसके पहले, 2022 में डीजीसीआई ने बायोलॉजिकल ई के कोबेवैक्स को बूस्टर के रूप में विषम टीके के तौर पर लगाने की अनुमति दी थी। कोबेवैक्स को कोवीशील्ड या कोवैक्सीन के बाद लगाने की अनुमति मिली थी।

इससे एसएसआई के लिए निजी बाजार में इस टीके की मार्केटिंग शुरू करने के दरवाजे खुल गए हैं। ऐसे में एसआईआई के पास एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन कोवीशील्ड की लगभग 2 करोड़ खुराक का भंडारण है। यह पहले से ही नोवावैक्स वैक्सीन का उत्पादन कर रही है जो भारत में कोवोवैक्स ब्रांड के तहत है।

नोवावैक्स ने कोवोवैक्स के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण किया है। इसे सशर्त विपणन के लिए यूरोपीय दवा एजेंसी द्वारा अधिकृत किया गया है, और इसे डब्ल्यूएचओ द्वारा आपातकालीन उपयोग सूची में शामिल किया गया है।

एक सूत्र ने कहा कि कंपनी नोवावैक्स का उत्पादन कर रही है। इसने अब तक निर्यात ही किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने अधिकतर निर्यात अमेरिका में किया है और भारत के लिए भी इसका भंडारण किया गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि एसएसआई कोवावैक्स की कीमत कैसे निर्धारित करती है।

भारत बायोटेक ने अपनी नेजल वैक्सीन आईएनकोवैक (बीबीवी154) की कीमत निजी बाजार के लिए 800 रुपये प्रति खुराक और बड़ी मात्रा में सरकारी खरीद के लिए 325 रुपये निर्धारित की है। कॉर्बेवैक्स की कीमत भी 800 रुपये प्रति खुराक है। भारत में टीकों की मांग कम हो रही है और स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी बूस्टर पर जोर देने के पक्ष में नहीं हैं।

First Published : January 17, 2023 | 10:35 PM IST