अमेरिका स्थित इलिनॉय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इलिनॉय टेक) अगले साल की शुरुआत में मुंबई में अपना परिसर खोलने की तैयारी कर रहा है। प्रारंभिक चरण में यहां लगभग 300 छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। संस्थान के लिए भवन की खोज चल रही है और फैकल्टी तथा स्टाफ की भर्ती अगले दो-तीन महीनों में शुरू हो सकती है। इलिनॉय टेक के अध्यक्ष राज एचाम्बडी ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ वीडियो साक्षात्कार में यह जानकारी दी।
एचाम्बडी ने कहा, ‘अगले दो से तीन महीनों में संस्थान के लिए जगह की खोज के साथ-साथ संकाय और कर्मचारियों की भर्ती शुरू होने की उम्मीद है, ताकि अगले साल जाड़ों में ही छात्रों की दाखिला प्रक्रिया शुरू की जा सके।’ मुंबई परिसर को अपने समग्र नेटवर्क में एक खास कड़ी के रूप में पेश करते हुए उन्होंने कहा कि कई अमेरिकी छात्रों को एक सेमेस्टर या एक वर्ष के लिए भारत में पढ़ाई का मौका मिलेगा और इसी तरह भारतीय छात्र भी एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत शिकागो परिसर पढ़ने जा सकते हैं।
इस संस्थान के लिए सबसे बड़ी चुनौती अमेरिकी प्रशासन के हालिया नियम खड़ी कर सकते हैं, जिनमें छात्र-वीजा हासिल करने के लिए सोशल मीडिया की जांच अनिवार्य बना दी गई है। इसके अलावा हाल के दिनों में शिक्षा संस्थानों के साथ राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की भिड़ंत भी चिंता का विषय हैं। हालांकि ऐसे मुद्दों को मामूली गतिरोध बताते हुए एचाम्बडी ने कहा कि भारतीय छात्रों के अमेरिका आकर पढ़ने में ज्यादा बाधाएं नहीं आएंगी। इलिनॉय टेक के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में लगभग 20 प्रतिशत छात्र विदेशी छात्र हैं, जिनमें से लगभग 5 से 8 प्रतिशत भारत से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा, ‘तरह-तरह की अफवाहें छात्रों और अभिभावकों की चिंता का सबब बन रही हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह कुछ ही समय के लिए छात्र हितों को प्रभावित कर सती है। लंबे समय तक छात्रों पर इसका प्रभाव पड़ेगा, इसकी कोई वजह नहीं दिख रही है।’
मुंबई के इलिनॉय टेक परिसर में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होगी और इनमें अधिकांश पाठ्यक्रम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित विषयों पर ही केंद्रित होंगे। फीस के बारे में चिंता को दूर करते हुए संस्थान की ओर से कहा गया है कि ट्यूशन फीस कितनी हो, इस पर अभी विचार-विमर्श चल रहा है। हम ऐसी व्यवहार्य फीस ढांचा लागू करने पर विचार कर रहे हैं, जो भारतीय बाजार के अनुकूल हो। एचाम्बडी ने बताया, ‘अमेरिकी लागत से तुलना करें तो, यह उसकी एक तिहाई या उससे थोड़ी अधिक होगी।’
संस्थान की वेबसाइट के अनुसार, इलिनॉय टेक में स्नातक के लिए अनुमानित ट्यूशन फीस 51,648 अमेरिकी डॉलर (लगभग 44.26 लाख रुपये) है। आवास, भोजन, किताबें और परिवहन जैसे अन्य खर्चों को मिलाकर यह रकम 64,894 से 77,624 अमेरिकी डॉलर हो सकती है। यह फीस इस बात पर निर्भर करेगी कि छात्र परिसर में रह रहा है या बाहर। एचाम्बडी ने यह भी कहा कि संस्थान अपने पूर्व छात्र नेटवर्क और सरकारी छात्रवृत्ति की मदद से छात्रों के लिए फीस को वहनीय स्तर पर बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘अपने भारतीय पूर्व छात्रों की व्यापक संख्या और भारत में सीएसआर नियमों के बल पर हम यहां धन जुटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यहां किसी भी योग्य छात्र को संसाधनों की कमी के कारण संस्थान के दरवाजे से वापस न जाना पड़े।’ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के भारत में कदम रखने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के दो साल बाद इलिनॉय टेक मुंबई आ रही है। भारत में परिसर स्थापित करने के इच्छुक विदेशी संस्थानों को यूजीसी द्वारा जारी इन नियमों के तहत विशिष्ट क्षेत्रों या समग्र रूप से उत्कृष्ट विशेषज्ञता का प्रदर्शन करते हुए वैश्विक स्तर पर शीर्ष 500 में स्थान प्राप्त करना होगा।