म्युचुअल फंडों के लार्जकैप और मिडकैप यूनिवर्स के लिए पात्र शेयरों का बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) कट-ऑफ अगले पुनर्वर्गीकरण में नई ऊंचाई पर पहुंचने की संभावना है। जनवरी के पहले सप्ताह में एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की नई सूची जारी की जाएगी।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार लार्जकैप कट-ऑफ मौजूदा 91,572 करोड़ रुपये के मुकाबले 15 प्रतिशत बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। यह कट-ऑफ जनवरी 2025 में एक बार पहले भी 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया था।
एम्फी हर साल जनवरी और जुलाई की शुरुआत में शेयरों के पिछले छह महीने के प्रदर्शन के आधार पर लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की लिस्ट को संशोधित करता है। पिछले छह महीनों में औसत बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) के आधार पर टॉप 100 कंपनियां लार्जकैप के तौर पर पात्र हो जाती हैं, इससे अगली 150 मिडकैप बनती हैं और बाकी स्मॉलकैप श्रेणी में शामिल होती हैं।
मिडकैप के कट-ऑफ में भी इसी तरह की बढ़ोतरी की उम्मीद है, क्योंकि कई नई लिस्टिंग वाले शेयर इसमें शामिल होंगे। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि एम-कैप का दायरा मौजूदा कट-ऑफ 30,756 करोड़ रुपये की तुलना में 13 प्रतिशत बढ़कर 34,800 करोड़ रुपये हो जाएगा।
कोविड के बाद की अवधि में ज्यादातर समीक्षा यानी फेरबदल के दौरान सबसे छोटे लार्जकैप और मिडकैप शेयरों का आकार बाजार की तेजी और सूचीबद्ध कंपनियों की बढ़ती संख्या के कारण बढ़ा है। जुलाई 2025 को छोड़ दें तो जनवरी 2023 से हर समीक्षा में लार्जकैप और मिडकैप का कट-ऑफ बढ़ा है। नतीजतन, पिछले पांच साल में लार्जकैप कट-ऑफ तीन गुना से अधिक हो गया है।