एक असाधारण कदम के तहत भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने आदित्य बिड़ला ग्रुप की ग्रासिम इंडस्ट्रीज की शिकायत के जवाब में एशियन पेंट्स के खिलाफ कथित तौर पर अपने दबदबे का दुरुपयोग करने के मामले में जांच के आदेश में संशोधन किया है।
एशियन पेंट्स ने 3 जुलाई को स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में बताया कि सीसीआई ने 1 जुलाई के अपने आदेश को जारी करने के एक दिन बाद ही संशोधित किया है। कंपनी ने कहा, ‘सीसीआई ने आदेश को संशोधित किया है और यह सीसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है। कंपनी इस समय आदेश की समीक्षा कर रही है और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।’
आदेश की तुलना से पता चलता है कि आयोग ने जेएसडब्ल्यू पेंट्स द्वारा एशियन पेंट्स के खिलाफ दायर इसी तरह की शिकायत में अपने पहले के आदेश का संदर्भ हटा दिया था। अपने पुराने या मूल आदेश में, सीसीआई ने कहा था कि ‘संबंधित बाजार में प्रतिवादी (एशियन पेंट्स) की दबदबे वाली स्थिति के अपने पहले के निष्कर्ष से अलग राय का कोई कारण नहीं नजर आता।’
प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 38, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की ओर से जारी आदेशों में सुधार से संबंधित है। इसमें सीसीआई को रिकॉर्ड में दिखाई देने वाली किसी भी त्रुटि को सुधारने के लिए अपनी पहल पर या किसी पक्ष के अनुरोध पर अपने आदेशों में संशोधन करने की अनुमति है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सीसीआई के आदेश में इस तरह का संशोधन आम बात नहीं है। लूथरा ऐंड लूथरा के पार्टनर और प्रमुख (प्रतिस्पर्धा) जी आर भाटिया ने कहा, ‘संबंधित बाजार में किसी उद्यम का दबदबा एक खास समय पर होता है। समय के साथ बाजार के परिदृश्य में बदलाव आ सकता है जिससे प्रभुत्व या दबदबे की सीमा प्रभावित हो सकती है।’
भाटिया ने कहा कि इसलिए सीसीआई प्रभुत्व स्थापित करने के लिए अपने पहले के निष्कर्षों पर निर्भर नहीं होता है। ग्रासिम ने एशियन पेंट्स पर आरोप लगाया था कि वह भारतीय डेकोरेटिव पेंट सेगमेंट में उसके प्रवेश और विकास को रोकने के प्रयासों से जुड़ी हुई है। सीसीआई को वर्ष 2019 में एशियन पेंट्स के खिलाफ जेएसडब्लयू पेंट्स से भी शिकायत मिली थी।