घरों के दाम और बिक्री बढ़ोतरी के साथ आवास वित्त कंपनियों का फंसा कर्ज भी बढ़ा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:11 PM IST

कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर घऱों की कीमतों पर भी पड़ा । पिछले साल घरों के दाम 3-7 फीसदी महंगे होने के बावजूद बिक्री में 13 फीसदी उछाल दर्ज किया गया है। इसके साथ ही नये संपत्ति गुणवत्ता नियम से आवास वित्त कंपनियों का फंसा कर्ज 0.7 फीसदी अधिक हो गया। इसमें फंसे ऋण के इस तिमाही के अंत तक स्थिर होने की उम्मीद जतायी गयी है।
क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि पिछले साल नवंबर में संपत्ति की गुणवत्ता को लेकर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एसएफसी) को बैंकों के समरूप लाने के बाद से एचएफसी का सकल फंसा कर्ज 0.70 फीसदी बढ़ा है। हालांकि, इसमें फंसे ऋण के इस तिमाही के अंत तक स्थिर होने की उम्मीद जतायी गयी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 12 नवंबर, 2021 को कर्ज देने वाले सभी वित्तीय संस्थानों के लिये संपत्ति गुणवत्ता की जानकारी देने को लेकर कड़े मानदंड लागू किये। इसमें एनबीएफसी, आवास वित्त कंपनियों को वाणिज्यिक बैंकों के समरूप रखा गया था। नये नियम सभी के लिये 31 दिसंबर, 2021 से लागू होने थे, आरबीआई ने इसी सप्ताह एनबीएफसी और आवास वित्त कंपनियों के लिये समयसीमा बढ़ाकर 30 सितंबर, 2022 कर दी।
गुरुवार को क्रिसिल द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, सस्ते मकान के लिये कर्ज देने वाली कंपनियों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में 1.40 फीसदी की वृद्धि हुई। वहीं अन्य आवास वित्त कंपनियों का सकल एनपीए 31 दिसंबरर, 2021 को बढ़कर 3.3 फीसदी हो गया जो सितंबर, 2021 में तीन फीसदी था। इसका मुख्य कारण एनपीए की पहचान और आकलन को लेकर 12 नवंबर, 2021 को जारी परिपत्र है। इसमें कहा गया है कि अगर ऐसा नहीं होता, दिसंबर में एनपीए 2.6 फीसदी होता। इसका मतलब है कि नये नियमों के कारण कुल संपत्ति गुणवत्ता पर 0.70 फीसदी का असर पड़ा है।
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में 35 आवास वित्त कंपनियों का अध्ययन किया। इनके पास उद्योग की 95 फीसदी प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां हैं। रिजर्व बैंक ने 15 फरवरी, 2022 को एनपीए से जुड़े संशोधित नियमों को लागू करने की समयसीमा 31 दिसंबर, 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2022 कर दी। हालांकि, इसका ज्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि ज्यादातर आवास वित्त कंपनियां पहले ही आकलन के नये तरीके को अपना चुकी हैं और चालू वित्त वर्ष के अंत तक अपने सकल एनपीए अनुपात में सुधार लाने और उसे तीन प्रतिशत के स्तर पर लाने की स्थिति में हैं।
इसके साथ ही देश के शीर्ष आठ शहरों में 2021 में घरों के दाम 3-7 फीसदी बढ़ा गए।संपत्ति ब्रोकरेज फर्म प्रॉपटाइगर डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। प्रॉपटाइगर डॉट कॉम ने अपनी रिपोर्ट ‘रियल इनसाइट रेजिडेंशियल – एनुअल राउंड-अप 2021’ में कहा कि मकानों की बिक्री 2021 में 13 फीसदी बढ़कर 2,05,936 इकाई हो गई, जो इससे पिछले साल 1,82,639 इकाई थी। प्रॉपटाइगर ने कहा कि 2020 की तुलना में 2021 में नई आपूर्ति में तेज वृद्धि देखी गई और यह आंकड़ा 1.22 लाख इकाइयों से बढ़कर 2.14 लाख ईकाई हो गया, जो 75 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के बाद सरकार के समर्थन उपायों, बेहतर उपभोक्ता भावना और स्थिर कीमतों के चलते यह बढ़ोतरी देखने को मिली। हाउसिंग डॉटकॉम, मकान डॉटकॉम एवं प्रॉपटाइगर डॉटकॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि भारत में रियल एस्टेट बाजार ने तेजी से वापसी की है और सरकार के समर्थन तथा कम ब्याज दर के चलते इस क्षेत्र में गति बरकरार रहेगी।
 

First Published : February 17, 2022 | 11:30 PM IST