राज्यों को टीका: जनसंख्या बनी मानक

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:53 AM IST

केंद्र की तरफ से राज्यों को कोविड-रोधी टीके मुहैया कराते समय वहां की जनसंख्या, बीमारी का बोझ, टीकाकरण की प्रगति और टीके की बरबादी जैसे कारकों पर गौर किया जाएगा। टीकाकरण के बारे में मंगलवार को जारी संशोधित दिशानिर्देशों में दूरदराज के अस्पतालों तक भी टीका आसानी से पहुंचाने के लिए निजी अस्पतालों को टीका मुहैया कराने और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की व्यवस्था की गई है।
नए दिशानिर्देशों के मुताबिक सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में लोग सीधे जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। नए प्रावधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस ऐलान के एक दिन बाद आए हैं जिसमें 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को मुफ्त टीका लगाने और उसका इंतजाम केंद्रीय स्तर पर किए जाने की बात कही गई थी।
सरकार आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के टीकाकरण में मदद की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए अहस्तांतरणीय ई-वाउचर भी जारी करेगी। इन वाउचर को सिर्फ निजी टीकाकरण केंद्रों पर ही भुनाया जा सकेगा। 21 जून से प्रभावी होने जा रहे इन निर्देशों में कहा गया है कि राज्यों को निजी अस्पतालों को देने के लिए टीके की मांग रखते समय क्षेत्रीय संतुलन और छोटे एवं बड़े अस्पतालों के बीच समान वितरण जैसे कारकों का भी ध्यान रखना होगा। निजी अस्पताल महीने भर में बनने वाले कुल टीकों के 25 फीसदी की सीधी खरीद विनिर्माताओं से कर सकेंगे। यह कदम टीका निर्माताओं को उत्पादन में तेजी लाने और नए टीकों के विकास को प्रोत्साहन देने के मकसद से उठाया गया है। सरकार द्वारा खरीदे जाने वाले टीकों में 75 फीसदी हिस्सा देश के भीतर बने टीकों का ही होगा। केंद्र सरकार खरीदे गए टीकों को निर्धारित मानकों के हिसाब से राज्यों को मुहैया कराएगी और प्राथमिकता के आधार पर लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। स्वास्थ्य, अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारी, 45 साल से अधिक उम्र के लोग और दूसरी खुराक का इंतजार कर रहे लोग प्राथमिकता में शामिल होंगे। प्राथमिकता सूची में सबसे अंत में 18 वर्ष से ऊपर के लोग हैं।
कोविड निगरानी दल के प्रमुख एवं नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल से जब यह पूछा गया कि क्या सरकार की टीकाकरण नीति में बदलाव उच्चतम न्यायालय की सख्त टिप्पणी को ध्यान में रखते हुए किया गया है, तो उन्होंने कहा कि सरकार गत 1 मई को टीका खरीद का विकेंद्र्रित मॉडल लागू होने के समय से ही इसकी समीक्षा में जुटी हुई थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 15 एवं 21 मई को हुई बैठकों में ही वैकल्पिक मॉडलों के बारे में सोचने को कह दिया था। डॉ पॉल ने कहा, ‘फैसले रातोरात नहीं होते हैं। हम लोगों की बातों पर गौर कर रहे थे। सर्वोच्च न्यायालय की प्रक्रिया अपनी जगह है, हमारा अंदरूनी फीडबैक भी जारी था।’
नए दिशानिर्देशों के मुताबिक सभी नागरिक मुफ्त टीकाकरण के हकदार हैं लेकिन भुगतान की क्षमता रखने वाले लोगों को निजी टीकाकरण केंद्र जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। जहां तक निजी केंद्रों पर लगने वाले टीके की कीमत का सवाल है तो उसकी घोषणा हरेक टीका विनिर्माता अलग से करेगा। छोटे अस्पतालों को सीधे विनिर्माताओं से टीके खरीदने में दिक्कतें हो रही थीं। इसके अलावा अग्रिम भुगतान के लिए बड़ी रकम का भी इंतजाम करना होता था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत इन अस्पतालों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीधे सरकार ही खरीद करेगी और अस्पताल एनएचए सिस्टम के जरिये भुगतान कर सकेंगे। नैटहेल्थ के अध्यक्ष डॉ हर्ष महाजन कहते हैं, ‘ऐसा होने से छोटे अस्पतालों की कार्यशील पूंजी लागत को कम करने में मदद मिलेगी।’

तीसरी लहर से बचने के लिए उपयुक्त व्यवहार का पालन करें: सरकार
सरकार ने मंगलवार को जोर दिया कि कोरोनावायरस की किसी संभावित लहर को टालने के लिए आगामी कुछ महीनों तक भीड़ से बचने और कोविड-19 संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन किया चाहिए। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि देश में रोजाना कोरोनावायरस के नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने महामारी की स्थिति पर आयोजित एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि सात मई को चरम स्तर पर पहुंचने के बाद से दैनिक नए मामलों में करीब 79 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कोविड की दूसरी लहर के संबंध में कहा कि दैनिक नए मामलों में लगातार और तेजी से गिरावट आई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोनावायरस के 86,498 नए मामले दर्ज किए गए जो पिछले 66 दिनों में सबसे कम है। 7 मई को देश में रिकॉर्ड 4,14,188 नए मामले सामने आए थे। अग्रवाल ने कहा कि भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोरोना वायरस के 20,822 मामले आए और 252 मौतें हुई हैं जो दुनिया में सबसे कम आंकड़ों में से एक है। भविष्य में कोरोना की किसी और लहर को रोकने के लिए सरकार ने आबादी का टीकाकरण होने तक कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दिया। सरकार ने कुछ महीनों के लिए भीड़ की स्थिति से बचने की जरूरत पर भी बल दिया। हालांकि कुछ राज्यों ने नए मामलों की घटती संख्या को देखते हुए लॉकडाउन में ढील की घोषणा की है। भाषा

First Published : June 8, 2021 | 11:24 PM IST