भारत में डिजिटल भुगतान की सर्वोच्च संस्था- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइडर्स (टीपीएपी) के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर लेनदेन को प्रोसेस करने की मात्रात्मक सीमा 30 फीसदी तय करने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं। इससे इस क्षेत्र की कंपनियां बाजार मेंएकाधिकार कायम नहीं कर सकेंगी, जो इस समय एक बड़ी चिंता है।
एनपीसीआई ने कहा था कि जनवरी, 2021 से यूपीआई प्लेटफॉर्म पर टीपीएपी के लेनदेन को प्रोसेस करने की मात्रा पूर्ववर्ती तीन महीनों के दौरान 30 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा जिन कंपनियों की लेनदेन मात्रा में अधिक बाजार हिस्सेदारी है, उन्हें दो साल के भीतर इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
इस बाजार की कंपनियों को भेजे पत्र में एनपीसीआई ने कहा है कि वह टीपीएपी की मात्रा सीमा की निगरानी रखेगा और उनके निर्धारित सीमा पर पहुंचने पर उन्हें अलर्ट भेजेगा। इसलिए जब टीपीएपी की बाजार हिस्सेदारी 25 से 27 फीसदी पर पहुंचेगी तो एनपीसीआई एक ईमेल के जरिये टीपीएपी और भुगतान सेवा प्रदाता (पीएसपी) बैंकों से संपर्क करेगा, जिसे उन्हें स्वीकार करना होगा। एनपीसीआई बाजार हिस्सेदारी 27 फीसदी के पार निकलने पर ईमेल या पत्र के जरिये ऐप्स और बैंकों को दूसरा अलर्ट भेजेगा। उस समय टीपीएपी और बैंक दोनों को मात्रा सीमा के अनुपालन के लिए उठाए गए कदमों के सबूत मुहैया कराने होंगे।
इसके बाद 30 फीसदी मात्रा की सीमा पार करने पर टीपीएपी और पीएसपी बैंक को नए ग्राहक जोडऩा बंद करना होगा और मात्रा सीमा के अनुपालन के संबंध में शपथपत्र देना होगा। हालांकि एनपीसीआई यह सुनिश्चित करने के लिए रियायत की पेशकश कर सकता है कि ग्राहक के लिहाज से यूजर को जोडऩे के प्रतिबंधों को सरलता से लागू किया जाए।
एनपीसीआई ने कहा, ‘टीपीएपी और पीएसपी बैंकों को ये अलर्ट यह सुनिश्चित करने के लिए भेजे जाएंगे कि ताकि वे उपचारात्मक कदम (उदाहरण के लिए नए ग्राहकों को जोडऩे, प्रचार गतिविधियों और कैश बैक ऑफर की रफ्तार कम करना) उठाएं।’ मौजूदा यूपीआई ऐप्स, जो 30 फीसदी की मात्रात्मक सीमा से आगे निकल चुके हैं, उन्हें एनपीसीआई की तरफ से चरणबद्ध तरीके से जारी मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दो साल मिलेंगे। लेकिन जनवरी, 2022 से इनकी छमाही आधार पर समीक्षा शुरू करेगा।
गौरतलब है कि टीपीएपी के लिए मात्रात्मक सीमा इस साल जनवरी से लागू हो गई है। इसके अलावा एनपीसीआई ने अपनी वेबसाइट पर यूपीआई ऐप्स के मूल्य और मात्रा की जानकारी देना शुरू कर दिया है, जिनमें आने वाले समय में एसओपी के मुताबिक और सुधार लाया जाएगा।
एनपीसीआई ने कहा, ‘इस एसओपी में जिन उपायों का सुझाव दिया गया है, वे नए उद्यमियों को यूपीआई में अपनी मात्रा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे ताकि सभी भागीदारों में बाजार हिस्सेदारी बराबर रहे।’
पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, ‘एनपीसीआई ने स्वागत योग्य कदम उठाया है, जिससे पूरे तंत्र की स्वस्थ वृद्धि में मदद मिलेगी। ये दिशानिर्देश यह सुनिश्चित करेंगे कि यूपीआई किसी अकेली कंपनी पर निर्भर नहीं होगा। पेटीएम सबसे बड़ा डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म है, जो हर महीने 1.2 अरब लेनदेन को प्रोसेस करता है। यह वॉलेट, यूपीआई, कार्ड और बैंकिंग सेवाओं समेत सभी डिजिटल भुगतान तरीके मुहैया करा रहा है।’