इस साल की शुरुआत में कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन के कारण जिंदगी ठहर सी गई थी, इसके बावजूद जून के अंत तक भारत के प्रति वयस्क की संपत्ति 0.7 प्रतिशत बढ़कर 17,420 डॉलर हो गई है। पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत का संकुचन आया था।
क्रेडिट सुइस की ओर से गुरुवार को जारी वैश्विक संपदा रिपोर्ट 2020 के मुताबिक कैलेंडर वर्ष 2019 के अंत में प्रति वयस्क संपत्ति 17,300 डॉलर थी। 2020 में प्रति वयस्क संपदा में 2019 के अंत की तुलना में औसतन 5 से 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जबकि 2021 में 9 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि की संभावना है।
क्रेडिट सुइस के मुताबिक हॉन्गकॉन्ग एसएआर (5,880 डॉलर), ताइवान (चाइनीज ताइपेई, 8,330 डॉलर), नीदरलैंड (16.430 डॉलर) और स्विटजरलैंड (23,430 डॉलर) 2020 की पहली छमाही के मुख्य लाभार्थी रहे। बहरहाल वैश्विक स्तर पर प्रति वयस्क संपदा में 0.4 प्रतिशत गिरावट आई है और यह 76,984 डॉलर रहा। सबसे ज्यादा असर लैटिन अमेरिकी देशों पर पड़ा है।
