आसान नहीं प्रतिबंधित ऐप की वापसी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:20 AM IST

भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद तमाम ऐप्लीकेशन और गेम भारतीय साझेदार की तलाश कर रहे हैं और चीनी कंपनियों के साथ रिश्ता तोड़ रहे हैं ताकि वे भारत में वापसी कर सकें लेकिन यह इतना आसान नहीं है।
प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड (पबजी) तथा कैरम फ्रैंड्स और लूडो ऑल स्टार जैसे छोटे मोबाइल गेम की मालिक दक्षिण कोरिया की ब्लूहोल स्टूडियो के लिए वक्त बहुत तेजी से गुजर रहा है। ये ऐप्लीकेशन प्रतिबंध के बाद अपने उपयोगकर्ताओं में आ रही गिरावट को रोकने की जद्दोजहद में हैं।
स्थानीय या गैर चीनी साझेदार को साथ लेने के बाद प्रतिबंध समाप्त होने या शिथिल होने का कानूनी रास्ता खुल सकता है। बहरहाल, विधि और उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि समीक्षा समिति से लेकर स्थानीय सर्वर कायम करने तक पूरी प्रक्रिया में 3 से 6 माह का समय लग सकता है। उनका यह भी कहना है कि इसमें देरी इसलिए भी हो सकती है क्योंकि प्रतिबंध नियामकीय अनुपालन की कमी के कारण नहीं बल्कि राजनीतिक वजहों से लगाया गया था।
भारतीय और जापानी गेम बाजार पर नजर रखने वाली वेबसाइट दमाकोरियेक्टर के सह-संस्थापक ऋषि अलवानी कहते हैं, ‘पबजी की बात करें तो उसने जुलाई में कहा था कि भारतीय उपयोगकर्ताओं का डेटा स्थानीय सर्वर पर रखा जाता है लेकिन इसके बावजूद दो महीने बाद उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रतिबंध के पीछे असल इरादा चीन को काबू करना और उसकी कंपनियों के मुनाफे और मूल्यांकन को कम करना है। ऐसे में अगर मूल ऐप डेवलपर में चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी हो तो सरकार को समस्या हो सकती है।’
अलवानी कहते हैं कि अगर ऐप ने तीन महीने में वापसी नहीं की तो पूरी कवायद बेकार हो जाएगी क्योंकि इन खेलों में रुचि लेने वाले अधिकांश लोग पहले ही कॉल ऑफ ड्यूटी तथा फ्रीफायर जैसे दूसरे गेम का रुख कर चुके हैं।
उदाहरण के लिए 2016 में जियो के साथ साझेदारी के बाद जब पोकेमॉन गो ने वापसी की तब तक उसके साथ जुड़ा उत्साह समाप्त हो चुका था।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने गत सप्ताह राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए चीनी मूल के 118 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। पबजी इस सूची का सबसे लोकप्रिय गेम था, उसने चीन के साथ अपना रिश्ता समाप्त करने के क्रम में गेम के मोबाइल संस्करण को चीनी कंपनी टेंसेंट से अलग कर लिया हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पबजी की डेवलपर ब्लूहोल स्टूडियो में टेनसेंट की 10 फीसदी हिस्सेदारी है। यह गेम दुनिया भर में 60 करोड़ बार इंस्टाल किया गया है और भारत में इसके 3.3 करोड़ उपयोगकर्ता हैं।
पबजी कॉर्पोरेशन ने कहा है कि वह भारत सरकार के निर्णय का सम्मान करता है और डेटा की सुरक्षा और निजता उसकी शीर्ष प्राथमिकता है। कंपनी ने इस सप्ताह के आरंभ में कहा था कि आगे चलकर पबजी कॉर्पोरेशन देश में प्रकाशन की तमाम जवाबदेही लेगा और कंपनी भारत में पबजी को पेश करने की राह तलाश रही है।
डोल्स विटा ट्रस्टीज कॉर्पोरेट वाणिज्यिक अधिवक्ता और लेनदेन सलाहकार सुमित कोछड़ कहते हैं कि कंपनियों द्वारा ऐप को भारतीय साझेदारों को बेच देना भी एक हल हो सकता है क्यांकि इससे डेटा की निजता और सुरक्षा तथा डेटा भंडारण से जुड़ी समस्या तत्काल हल हो जाएगी। कोछड़ के अनुसार, ‘केवल प्रतिबंधित ऐप को एक भारतीय साझेदार को बेचने और रॉयल्टी हासिल करने की इजाजत के साथ एक रचनात्मक राह निकाली जा सकती है। परंतु यदि पब्लिशिंग अधिकार पबजी के पास रहे तो भारत सरकार की चिंता दूर नहीं होगी।’

First Published : September 10, 2020 | 11:28 PM IST