अधिकतर राज्यों और शहरों में इस महीने लॉकडाउन खत्म होने के साथ ही हवाई यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है। अग्रणी विमानन कंपनियों और हवाई अड्डा कंपनियों से मिली जानकारी के अनुसार मई में देश भर में रोजाना हवाई यात्रा करने वाले लोगों की औसत संख्या घटकर 42,000 रह गई थी जो जून के तीसरे हफ्ते में बढ़कर रोजाना करीब 1.25 लाख पहुंच गई है।
हवाई यात्रियों की संख्या बढऩे से कोरोना की दूसरी लहर के बाद विमानन क्षेत्र में महामारी की पहली लहर की तुलना में तेजी से सुधार की उम्मीद जगी है। एक अग्रणी हवाई अड्डा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अच्छी बात यह है कि सुधार महामारी की पहली लहर की अपेक्षा ज्यादा तेज है। पिछली बार हवाई यात्रियों की संख्या मई 2020 के अंत से दोगुना होने में करीब तीन महीने का वक्त लगा था। लेकिन इस बार मई के निचले स्तर से एक महीने से भी कम समय में यात्रियों की संख्या तीन गुनी हो गई है।’ उन्होंने यह भी कहा कि मई में औसत दैनिक यात्रियों की संख्या 66,000 के करीब थी, जो अब बढ़कर दोगुनी हो चुकी है।
लेकिन दूसरी ओर जून के दूसरे सप्ताह की तुलना में औसत दैनिक यात्रियों की संख्या अब भी मार्च के हवाई यात्रियों की संख्या के करीब 40 फीसदी ही है। मार्च में रोजाना औसतन 3.13 लाख लोगों ने उड़ान भरी थी। हालांकि यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे ही सही बढऩे से क्षेत्र में सुधार की उम्मीद बंधी है और अब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी पूरी तरह शुरू करने की जरूरत है।
दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या जून के तीसरे हफ्ते से प्रतिदिन बढ़कर 60,000 तक पहुंच गई है और महीने के अंत में इसमें और इजाफा हो सकता है। पिछले महीने प्रतिदिन औसत यात्रियों की संख्या महज 18,000 थी। जून के पहले हफ्ते में औसत दैनिक यात्रियों की संख्या 30,000 थी लेकिन 20 जून को यात्रियों की संख्या 63,000 तक पहुंच गई।
दिल्ली देश का देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है और अगले कुछ दिनों में यहां से रोजाना औसतन 450 घरेलू और 55 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन होने की संभावना है। हालांकि सप्ताह के दिनों में प्रति उड़ान यात्रियों की संख्या 115 और सप्ताहांत पर 130 के करीब रही है।
मुंबई में भी यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। जून में यहां से औसतन प्रतिदिन 21,000 यात्रियों की उड़ान भरी जो मई की तुलना में 50 फीसदी अधिक है। हालांकि विमानन कंपनियां आने वाले समय में यात्रियों की संख्या बढऩे को लेकर बंटे हुए हैं। इंडिगो की योजना के जानकार सूत्रों ने कहा कि अनिश्चितता बरकरार रहने से यात्रियों की संख्या में वृद्घि को लेकर कोई अनुमान लगाना कठिन है। उदाहरण के लिए इसे लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर कब आएगी और इसकी गंभीरता कितना होगी। अन्य का कहना है कि अगली लहर से पहले तीन महीने का वक्त मिल सकता है और जुलाई अंत तक हवाई यात्रियों की संख्या 2 लाख रोजाना तक पहुंच सकती है।