भारतीय रेलवे ने पर्यटन पर केंद्रित करीब 150 रेलगाडिय़ां चलाने के लिए राज्य सरकारों, निजी कारोबारियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) से भागीदारी करने को कहा है।
संवाददाताओं से बात करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसे रेलवे के नए राजस्व सेग्मेंट के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘परंपरागत रूप से रेलवे की नजर यात्री रेल और माल ढुलाई की कमाई पर रहती है। इस बार हम पर्यटन के लिए एक सेग्मेंट विकसित कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इन पर्यटन सेवाओं में टिकट के दाम तय करने का अधिकार उन कंसेसनायर को होगा, जो उनका परिचालन करेंगे।
वैष्णव ने कहा, ‘हम इसे रेलवे के यात्री और माल ढुलाई जैसे परंपरागत क्षेत्र से इतर देख रहे हैं। इन पर्यटक ट्रेनों के पैकेज में होटल में रहने, पर्यटन इलाके में टैक्सी का किराया, रेल का किराया, खाने का शुल्क, साइट पर घूमने की व्यवस्था और ऐतिहासिक व धरोहर स्थलों पर जाना व अन्य चीजें शामिल हो सकती हैं।’
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि थीम आधारित इन पर्यटन सर्किट ट्रेनों को भारत गौरव ट्रेन कहा जाएगा। बयान में कहा गया है, ‘पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों को टूरिस्ट सर्किट चिह्नित करने व विकसित करने की छूट होगी और वे भारत में पर्यटन की व्यापक क्षमता के दोहन के लिए थीम आधारित ट्रेन चला सकेंगे।’
बयान में कहा गया है, ‘सेवा प्रदाता को सिख संस्कृति से जुड़े महत्त्वपूर्ण स्थलों के लिए गुरु कृपा ट्रेन और भगवान राम से जुड़े स्थलों को जोडऩे के लिए रामायण ट्रेन जैसी थीम आधारित ट्रेन के बारे में फैसला करने की स्वतंत्रता होगी।’
कई राज्य सरकारों ने इस तरह की ट्रेन चलाने में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने ओडिशा सरकार का उल्लेख कते हुए कहा कि उसने इस सेवा को लेकर इच्छा जताई है, लेकिन कहा कि इनमें से ज्यादातर ट्रेने भारतीय रेल खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा चलाए जाने की संभावना है।
यात्रा व दी जा रही सेवाओं के आधार पर यात्रियों को पैकेज चुनने के विकल्प रहेंगे। कोच के चयन का भी विकल्प रहेगा, जिसमें लक्जरी से लेकर सस्ते सेग्मेंट होंगे। ट्रेन के भीतर व बाहर ब्रांडिंग व विज्ञापन की अनुमति होगी। हर ट्रेन में 2 गार्ड वैन सहित 14 से 20 कोच रखे जाने की उम्मीद है।
इस तरह की रेलगाडिय़ां चलाने की पहले भी कवायद की गई है, लेकिन इसमें लोगों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई और घाटे में चलानी पड़ी। आईआरसीटीसी की महाराजा एक्सप्रेस कोविड महामारी के कारण नहीं चल रही है और दिसंबर 2021 तक बंद रहने की संभावना है।
