एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रौद्योगिकी पर मामूली रकम खर्च होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी पर अधिक रकम खर्च किए जाने से इस क्षेत्र के प्रशासन में सुधार होगा और जवाबदेही बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल बुनियाद के साथ-साथ प्रॉपर्टी प्रौद्योगिकी (प्रॉपटेक) में निवेश से रियल एस्टेट परियोजनाओं की वास्तविक
समय पर निगरानी किए जाने से कुशलता बढ़ेगी।
पारेख ने एक वर्चुअल प्रॉपटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आवास क्षेत्र की मांग में आई हालिया तेजी ढांचागत प्रकृति की थी और वह फिलहाल बरकरार रहेगी। ब्याज दरों में नरमी, प्रॉपर्टी की कीमतों में स्थिरता और आवास ऋण पर राजकोषीय लाभ के बरकरार रहने के कारण पिछले कुछ महीनों के दौरान आवास ऋण में वृद्धि को सहारा मिला है।
मांग में तेजी को पहली बार के मकान खरीदारों और दूसरी बार बड़े मकान खरीदने वालों अथवा किसी दूसरी जगह पर स्थानांतरित होने वालों से रफ्तार मिली है। इन दोनों प्रकार के ग्राहकों से मांग में वृद्धि हुई है। पारेख ने कहा कि मौजूदा वैश्विक महामारी के दौर में लोगों को घर से काम करने का विकल्प दिया गया है। ऐसे में कार्य स्थल के समीप मकान खरीदने का आकर्षण अब कम होने लगा है और इससे लोग दूर-दराज के जगहों पर भी खुद का मकान खरीदने को प्राथमिकता देने लगे हैं।
पारेख ने यह भी कहा कि निर्माण उद्योग दुनिया में सबसे कम डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाने वाला एक क्षेत्र है। एक आकलन के अनुसार, रियल एस्टेट क्षेत्र अपने राजस्व का 1.5 फीसदी से भी कम हिस्सा प्रौद्योगिकी पर खर्च करता है। रियल एस्टेट पर रियल टाइम डेटा शायद ही कभी उपलब्ध होगा।