डॉक्टर अलका चौधरी को आज सुबह से ही एक एसएमएस की बाट जोह रही हैं…. कोविड-19 टीके से जुड़े एसएमएस का। इस महामारी के खिलाफ टीकाकरण का अभियान कल से शुरू हो रहा है और डॉक्टर चौधरी के मन में एक ही सवाल है, ‘क्या सबसे पहले टीका लगवाने वालों में मेरा भी नाम है?’ और इस सवाल का जवाब एसएमएस से ही मिलेगा।
डेढ़ लाख से ज्यादा भारतीयों को लील जाने वाली इस बीमारी के टीके सबसे पहले देश भर से करीब 3 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को लगाए जाएंगे। अस्पताल ने सरकार को उन लोगों की जानकारी दी है, जो टीका लगवाना चाहते हैं। नामों का फैसला राज्यों के को करना है। राष्टï्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिला निगरानी अधिकारी और पीरागढ़ी मोहल्ला क्लिनिक में कार्यरत डॉक्टर चौधरी कहती हैं, ‘हमें सरकार से इस संदेश का इंतजार है कि हमें टीका लगाया जाएगा। संदेश मिलने के बाद हम जरूरी कागजात के साथ टीकाकरण केंद्र जाएंगे।’
टीकाकरण की औपचारिक शुरुआत के एक दिन पहले आज राजधानी में तैयारियों की झलक दिख रही है। गहमागहमी वहां शुरू होती है, जहां से टीके भेजे जाने हैं। नई दिल्ली के दिलशाद गार्डन में राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में सेना के सात जवान और पांच पुलिस अधिकारी एक अलग इमारत की हिफाजत में जुटे हैं। कोविड-19 टीके की ढेर खुराकें इसी में रखी हैं। बड़ी तादाद में टीके शहर भर के टीका केंद्रों में भेजे भी जा चुके हैं।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ऐसे ही केंद्र में पंजीकरण कक्ष के बाहर गेंदे के फूल की मालाएं लटकी हैं। पुराने इमरजेंसी ब्लॉक में स्थित यह कमरा टीकाकरण क्षेत्र से एक मंजिल नीचे हैं। इसे भी सुरक्षाकर्मियों ने सील कर दिया है। जगह-जगह पोस्टर लगे हैं ताकि लोगों को टीका लगवाने का तरीका और जरूरी कागजात की जानकारी मिल जाए।
जीबी पंत अस्पताल में डी ब्लॉक इमारत की सांतवीं मंजिल पर कैमरे और टेलीविजन सेट लगाए गए हैं। यहीं टीके लगेंगे। ये टीवी सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाने के लिए लगाए गए हैं। टीकाकरण कक्ष के बलग में प्रतीक्षालय है, जहां टीका लगवाने के बाद व्यक्ति को आधे घंटे बैठना होगा और देख जाएगा कि टीके का दुष्प्रभाव तो नहीं हो रहा।
सरकारी के साथ ही निजी अस्पतालों में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। पूर्वी दिल्ली के धर्मशिला सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में टीके निकटवर्ती वसुंधरा स्थित शीत भंडारण सुविधा केंद्र से सुबह पहुंच जाएंगे। अस्पताल के उप स्वास्थ्य अधीक्षक का कहना है कि पहले चरण में उनके अस्पताल में नौ दिन तक टीके लगाने की योजना है।
कोविशील्ड और कोवैक्सीन
दिल्ली नर्सेस फेडेरेशन के महासचिव लीलाधर रामचंदानी के अनुसार जीबी पंत अस्पताल में पहले दिन सीरम इंस्टीट्यूट में तैयार कोविशील्ड टीका लगाया जाएगा। धर्मशिला हॉस्पिटल में भी पहले चरण में कोविशील्ड ही दिया जाएगा। मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में निदेशक-प्राध्यापक और प्रमुख (सामुदायिक दवा) सुनीला गर्ग ने बताया कि दिल्ली के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में कोविशील्ड है, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में भारत बायोटेक का कोवैक्सीन टीका भी मौजूद है।
बहरहाल टीकों पर लोगों का भरोसा नहीं होना चिंता की सबसे बड़ी वजह है। डॉ चौधरी कहती हैं कि लोग टीके की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। लेकिन डॉक्टर होने के नाते उन्हें लगता है कि टीके सुरक्षित हैं और अफवाहों पर लगाम लगनी चाहिए।