प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि रक्षा क्षेत्र में पहले की तुलना में अब कहीं अधिक पारदर्शिता, भरोसा और प्रौद्योगिकी चालित रुख है तथा आजादी के बाद पहली बार बड़े सुधार हो रहे हैं। मोदी ने विजयदशमी के अवसर पर सात नई रक्षा कंपनियां राष्ट्र को समर्पित करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान का जिक्र किया और कहा कि देश को खुद के बूते विश्व की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति बनाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों में, भारत ने मेक इन इंडिया के मंत्र के साथ आधुनिक सैन्य उद्योग बनाने के लिए काम किया है।
सुधार की एक बड़ी पहल के तहत सात सरकारी रक्षा कंपनियों का सृजन 200 साल से अधिक पुराने आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) को भंग करने के बाद किया गया था। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन कंपनियों ने 1 अक्टूबर से काम करना शुरू कर दिया है। मोदी ने ओएफबी को सात रक्षा कंपनियों में तब्दील करने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि लक्ष्य यह होना चाहिए कि ये कंपनियां न सिर्फ अपने उत्पादों में विशेषज्ञता हासिल करे, बल्कि वैश्विक ब्रांड भी बनें। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी लागत भारत की मजबूती है जबकि विश्वसनीयता इसकी पहचान होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्व ने प्रथम विश्व युद्ध के समय भारत की आर्डनेंस फैक्टरियों की क्षमता देखी थी और वे बेहतर संसाधन तथा विश्वस्तरीय कौशल रखा करते थे लेकिन आजादी के बाद के दौर में कंपनियों ने उनकी अनदेखी की जिससे विदेशी आपूर्ति पर देश की निर्भरता बढ़ गई। प्रधानमंत्री ने वीडियो संबोधन में कहा, ‘आजादी के बाद हमें इन फैक्टरियों को अद्यतन करने, नए युग की प्रौद्योगिकी अपनाने की जरूरत थी। लेकिन इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। समय बीतने के साथ भारत अपनी सामरिक जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर हो गया। ये सात नई रक्षा कंपनियां इस स्थिति में बदलाव लाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।’ मोदी ने कहा कि भारत आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है और लंबे से अटकी पड़ी परियोजनाएं पूरी की जा रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘आज, देश के रक्षा क्षेत्र में पहले की तुलना में कहीं अधिक पारदर्शिता, विश्वास और प्रौद्योगिकी चालित रुख है। आजादी के बाद पहली बार रक्षा क्षेत्र में इतने सुधार हो रहे हैं तथा एकल मंजूरी प्रणाली की व्यवस्था की गई है।’ उन्होंने कहा, ‘ये सात रक्षा कंपनियां इस स्थिति को बदलने में एक बड़ी
भूमिका निभाएंगी।’ प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि नई कंपनियां आयात में बदलाव लाने में एक अहम भूमिका निभाएंगी और 65,000 करोड़ रुपये से अधिक की ऑर्डर बुकिंग इन कंपनियों में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। मोदी ने कहा कि ओएफबी के सुधार का फैसला पिछले 15-20 साल से लंबित था लेकिन अब भारत एक नए भविष्य के निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है। उन्होंने कहा, ’21 वीं सदी में किसी देश या किसी कपंनी की वृद्धि और ब्रांड वैल्यू उसके अनुसंधान और नवाचार द्वारा निर्धारित होती है। सॉफ्टवेयर से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक, भारत की वृद्धि, भारत की नई पहचान इसका बड़ा उदाहरण है।’ मोदी ने कहा कि सरकार ने कंपनियों को स्वायत्ता के साथ बेहतर उत्पादन माहौल दिया है।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि जरूरत पडऩे पर नवसृजित सात रक्षा कंपनियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगीा पीएमओ के अनुसार, ‘निगमित की गईं सात कंपनियां-म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), आम्र्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (अवनी), एडवांस्ड वेपन्स ऐंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूई इंडिया), ट्रूप कंफट्र्स लिमिटेड (टीसीएल), यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल), इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) हैं।’
कठिन दौर के बाद संभल रही अर्थव्यवस्था: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के कठिन दौर के बाद भारत की अर्थव्यवस्था की वापसी मजबूत रही है। मोदी ने कहा, ‘कोरोनावायरस महामारी के कठिन दौर के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से उबरी है जिसके कारण भारत को लेकर दुनिया आशावान है।’ उन्होंने कहा कि एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने हाल में कहा था कि भारत फिर दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढऩे वाली अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। मोदी गुजरात के सूरत में लडकों के एक छात्रावास की आधारशिला रखने के बाद डिजिटल माध्यम से संबोधन कर रहे थे। मोदी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की महामारी स्वास्थ्य चिंताओं, आपूर्ति बाधाओं और मूल्य दबावों के दौरान बहाली वाली रिपोर्ट का जिक्र कर रहे थे, जिसमें अनुमान जताया गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहेगी। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार, भारत दुनिया के बड़े देशों में से तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था होगी।
नेतृत्व का मौका
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई राजनीतिक या परिवारवादी पृष्ठभूमि या जातिगत आधार न होने के बावजूद उन्हें पहले गुजरात में मुख्यमंत्री के तौर पर और फिर प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर सेवा करने का अवसर मिला।