हिंदुत्व राजनीति के गढ़ में मोदी की जय

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 3:45 AM IST

सफेद धोती और गमछा पहने 80 साल से अधिक उम्र के जगन्नाथ दास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘सदियों पुराने राम मंदिर के सपने को पूरा करने और उनकी नेतृत्व क्षमता में लोगों का भरोसा कायम करने को लेकर जमकर प्रशंसा की।
दास एक संन्यासी हैं। उन्होंने इन दिनों मॉनसून की वजह से खतरे के निशान से ऊपर बह रही सरयू नदी के तट पर टहलते हुए कहा, ‘अयोध्या वासी मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के कुछ दिन पहले से ही दीवाली मना रहे हैं।’ उनकी जैसी ही भावना ज्यादातर स्थानीय बाशिंदों की है, जिनका मानना है कि मोदी की भव्य मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कराने में अहम भूमिका है।
इस बड़े मौके के लिए शहर को दीवारों पर चित्रों, बंदनवारों, केसरिया झंडों और बड़े हॉर्डिंगों से सजाया गया। इन हॉर्डिंगो पर मोदी की मुस्कुराती तस्वीरें और उनके लिए स्थानीय राजनेताओं और समुदाय के कृतज्ञता संदेश हैं। अयोध्या में करीब तीन घंटे के अपने ठहराव के दौरान मोदी ने भाजपा के मंदिर मुद्दे से करीब 30 साल के संबंध का जिक्र किया। इस मुद्दे ने पार्टी को केंद्र में सत्ता में पहुंचने और विभिन्न राज्यों में सरकार बनाने में मदद दी।
पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राज्य सभा सदस्य विनय कटियार जैसे मंदिर आंदोलन के अगुआ कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे। ऐसे में मोदी ने अपनी पार्टी और वरिष्ठ सहयोगियों के पक्ष में प्रशंसा बटोरी।
मोदी वर्ष 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दिए जाने से पहले भाजपा के राम मंदिर आंदोलन के मुख्य शिल्पकार लाल कृष्ण आडवाणी का दाहिना हाथ थे। असल में आडवाणी की 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक की देशव्यापी रथ यात्रा ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय राजनीतिक फलक पर उभरने का रास्ता तैयार किया।
मोदी रथ यात्रा के सभी मामलों को संभाल रहे थे। इस रथ यात्रा को बिहार के समस्तीपुर में रोक दिया गया था और अक्टूबर 1990 में आडवाणी को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के आदेश से गिरफ्तार कर लिया गया।
कोविड-19 के नियमों की वजह से आडवाणी भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए, लेकिन एक समय उनके भरोसेमंद सिपहसालार मोदी ने सत्तारूढ़ भाजपा के सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक को पूरा किया।
रोचक बात यह है कि मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार मंदिर स्थल पर गए हैं। हालांकि वह संसदीय चुनावों से पहले 1 मई 2019 को अयोध्या गए थे। इससे पहले भी वह 2014 के लोक सभा चुनाव प्रचार के दौरान एक जन सभा को संबोधित करने 5 मई, 2014 को अयोध्या गए थे। उस समय वह भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे और तब तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
हालांकि मोदी ने कन्याकुमारी (तमिलनाडु) से श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) तक की अपनी बहुचॢचत एकता यात्रा के दौरान भाजपा कार्यकर्ता के रूप में 14 जनवरी, 1992 को राम लला के दर्शन किए थे।
राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने भूमि पूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राम मंदिर निर्माण का श्रेय दिया। हालांकि उन्होंने दोनों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि अब मंदिर निर्माण में कोई देरी नहीं हो।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम मंदिर के लिए करीब 500 साल के इंतजार के बाद देश मोदी की वजह से ही इस ऐतिहासिक दिन का साक्षी बन रहा है।

First Published : August 6, 2020 | 12:04 AM IST