प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारतीय चाय को ‘बदनाम’ करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रची गई है। असम में होने वाले विधानसभा चुनाव के सिलसिले में एक पखवाड़े में राज्य का दूसरा दौरा कर रहे प्रधानमंत्री ने कहा कि हर राज्य में स्थानीय भाषा में शिक्षा मुहैया कराने वाला कम से कम एक मेडिकल कॉलेज और एक प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करना उनका सपना है। मोदी ने दो मेडिकल कॉलेजों की नींव रखने और राज्य राजमार्ग के उन्नयन के लिए ‘असम माला’ योजना शुरू करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘गांवों एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हर राज्य में स्थानीय भाषा में शिक्षा मुहैया कराने वाला कम से कम एक मेडिकल कॉलेज और एक प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करना मेरा सपना है।’ उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद असम में इस प्रकार के संस्थान स्थापित करने का वादा किया।
मोदी ने कहा कि इससे दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकीय सेवाओं में सुधार होगा, क्योंकि अधिक से अधिक चिकित्सक अपनी मातृ भाषा में लोगों से बात कर पाएंगे और उनकी समस्याएं समझ पाएंगे। विश्वनाथ और चराइदेव जिलों में दो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाए जाएंगे। विश्वनाथ में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की अनुमानित लागत 565 करोड़ रुपये होगी तथा चराइदेव में इस पर 557 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें प्रत्येक में 100 सीटें होंगी।
उन्होंने दावा किया कि असम ने पिछले पांच साल में अभूतपूर्व विकास किया है और इस दौरान यहां स्वास्थ्य एवं बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है। मोदी ने कहा कि राज्य में वर्ष 2016 तक केवल छह मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन मात्र पांच साल में छह और कॉलेज खोले गए। मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या 725 से बढ़कर 1,600 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 8,210 करोड़ रुपये की लागत वाली ‘असम माला’ योजना नए अवसर पैदा करेगी। इस योजना के तहत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) राज्य राजमार्गों का उन्नयन करेगा।
मोदी ने कहा कि उन्होंने चाय बागान कर्मियों की स्थिति को हमेशा असम के विकास से जोड़ा है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं, जिनमें भारतीय चाय को बदनाम करने के लिए देश के बाहर षड्यंत्र रचे जाने की बात का खुलासा हुआ है। मुझे भरोसा है कि असम के चाय बागान कर्मी इन ताकतों को करारा जवाब देंगे।’ प्रधानमंत्री संभवत: गैर-सरकारी संगठन ग्रीनपीस की उस रिपोर्ट का हवाला दे रहे थे जिसमें भारतीय चाय उद्योग में कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग करने का जिक्रकिया गया है। मोदी ने कहा कि सरकार ने इस बजट में चाय क्षेत्र के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और असम के प्रत्येक चाय बागान श्रमिक को शनिवार को 3,000 रुपये की सहायता-राशि वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि चाय बागानों में मोबाइल मेडिकल इकाइयां भी कार्यरत हैं।
ममता से ‘ममता’ की उम्मीद थी, लेकिन ‘निर्ममता’ मिली
प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में केंद्र की कई योजनाओं को लागू नहीं करने के लिए रविवार को ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की और कहा कि लोग उनसे ‘ममता’ दिखाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें ‘निर्ममता’ मिली। राज्य में अपनी पहली रैली में मोदी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर प्रहार करते हुए उस पर ‘भ्रष्टाचार एवं कुशासन’ के आरोप लगाए और कहा कि सत्तारूढ़ दल ने पिछले दस वर्षों में ‘कई बेइमानियां’ कीं जिस कारण लोगों ने उन्हें सत्ता से हटाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा, ‘बंगाल ममता बनर्जी से ‘ममता’ की उम्मीद कर रहा था, लेकिन उसे पिछले दस वर्षों में ‘निर्ममता’ मिली, टीएमसी सरकार राज्य में वामपंथी मोर्चा के कुशासन का महज पुनर्जन्म है।’