केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 राज्यों को पत्र लिखकर ताकीद दी है कि वे कोविड जांच की रफ्तार बढ़ाएं क्योंकि इन राज्यों में जांच की साप्ताहिक दर में कमी आई है। हालांकि देश में कोविड के कुल रोजाना मामले लगभग 10,000 के स्तर पर हैं। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, ‘पर्याप्त जांच की कमी की वजह से यह तय करना मुश्किल है कि दुनिया में संक्रमण का सही स्तर क्या है।’
उन्होंने कहा कि अधिकांश देशों में हाल के दिनों में कोविड मामले में तेजी देखी गई है और कुछ विकसित देशों में तो लोगों को कोविड की चौथी और पांचवीं लहर का भी सामना करना पड़ रहा है जबकि इन देशों में कोविड टीकाकरण का स्तर बेहतर है। उन्होंने कहा कि कोविड की अप्रत्याशित और संक्रामक प्रकृति को देखते हुए निगरानी बरतने की जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नगालैंड, सिक्किम, महाराष्ट्र, केरल, गोवा, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और लद्दाख के स्वास्थ्य विभागों को पत्र लिखा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन राज्यों का ध्यान विभिन्न जिलों में होने वाली जांच, प्रति 10 लाख लोगों पर होने वाली जांच, संक्रमण की दर और रैपिड ऐंटीजन जांच पर अधिक निर्भरता के चिंताजनक रुझानों की ओर दिलाया है। भूषण ने कहा, ‘यह महत्त्वपूर्ण है कि हाल में विवाह, उत्सव समारोह, छुट्टियों की वजह से यात्रा में आई तेजी के चलते राज्य अधिक जांच पर जोर दें।’
प्रत्येक राज्य को लिखे अपने पत्र में स्वास्थ्य सचिव ने पहले के उच्च स्तर की जांच में आई गिरावट और कुछ खास जिलों की ओर ध्यान दिलाया जहां आरटीपीसीआर जांच का अनुपात कम हो गया है और संक्रमण बढ़ गया है। उदाहरण के तौर पर पश्चिम बंगाल ने 22 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह के दौरान रोजाना 38,600 जांच कराई जबकि 31 मई से 6 जून के सप्ताह के दौरान रोजाना औसतन 67,644 जांच कराई गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह चिंता की बात है कि राज्य में 22 नवंबर को खत्म सप्ताह में जांच के जो आंकड़े दिए गए हैं वे पिछले चार हफ्तों से स्थिर हैं।
केरल में संक्रमण की दर 9.7 फीसदी है जबकि यहां के नवंबर के जांच के आंकड़े, अगस्त महीने में किए गए जांच के आंकड़ों का महज एक चौथाई है। यह निश्चित तौर पर चिंता का विषय है।
केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों में सर्दियों की शुरुआत होने और प्रदूषण बढऩे के साथ ही राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द ही संक्रमण के केंद्र की पहचान के लिए नियमित जांच पर जोर दें और सांस से जुड़ी परेशानियों वाले लक्षणों पर बारीकी से नजर रखें। भूषण ने कहा, ‘जांच में कमी से संक्रमण के प्रसार को नजरअंदाज किया जा रहा है।’
यूरोप में पिछले सप्ताह संक्रमण के मामलों में 11 प्रतिशत की वृद्धि: डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि पिछले सप्ताह यूरोप में कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई और दुनिया का यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां कोविड-19 के मामले अक्टूबर के मध्य से लगातार बढ़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने मंगलवार को महामारी को लेकर अपने साप्ताहिक मूल्यांकन में कहा कि वैश्विक स्तर पर संक्रमण के मामलों और मौतों में लगभग छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले सप्ताह संक्रमण के लगभग 36 लाख मामले आए तथा 51,000 लोगों की मौतें हुईं। डब्ल्यूएचओ के यूरोप के निदेशक डॉ. हैंस क्लूज ने आगाह किया है कि जल्द एहतियाती कदम नहीं उठाए गए तो महाद्वीप में वसंत के मौसम तक 700,000 और मौतें हो सकती हैं। क्लूज ने कहा, ‘यूरोपीय क्षेत्र कोविड-19 महामारी की मजबूत गिरफ्त में बना हुआ है।’ उन्होंने देशों से टीकाकरण बढ़ाने और ‘लॉकडाउन के अंतिम उपाय’ से बचने के लिए मास्क लगाने तथा सामाजिक दूरी जैसे अन्य उपाय का पालन करने का आह्वान किया।
क्लूज ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मध्य एशिया तक फैले यूरोपीय क्षेत्र में टीके की एक अरब से अधिक खुराक दी गई है। पिछले सप्ताह में, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और बेल्जियम ने कोरोनावायरस के मामलों में हो रही वृद्धि को रोकने के लिए आंशिक लॉकडाउन सहित सभी कठोर उपायों को अपनाया है। जर्मनी में भी इस सप्ताह मौत की संख्या 1,00,000 से अधिक होने की आशंका है। भाषा
