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मीशो का ऐप डाउनलोड में सबसे ऊपर

Last Updated- December 12, 2022 | 1:53 AM IST

ग्राहकों से ऑनलाइन ऑर्डर लेकर उनके पसंदीदा सामान पहुंचाने वाली ई-कॉमर्स कंपनी मीशो का ऐप किसी भी श्रेणी सर्वाधिक डाउनलोड होने वाला ऐप बन गया है। गूगल प्ले पर मोबाइल ऐप्लिकेशनों पर नजर रखने वाली सेंसर टावर के आंकड़ों के अनुसार मीशो ने डाउनलोड के मामले में इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, गूगल, एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। मई के दूसरे सप्ताह में सर्वाधिक डाउनलोड होने वाले ऐप की श्रेणी में यह 36वें पायदान पर था मगर जुलाई में यह शीर्ष स्थान पर पहुंच गया और लगभग दो हफ्तों से यहां जमा हुआ है। 
मीशो के अनुसार उसका ऐप 10 लाख से अधिक बार डाउनलोड हो चुका है और इस मोर्चे पर इसने एक वर्ष में दस गुनी छलांग लगाई है। 11 अगस्त को जारी सेंसर टावर के आंकड़ों के आधार पर शॉपिंग ऐप श्रेणी में भी यह पहले पायदान पर पहुंच गया है। इसने फ्लिपकार्ट (2 नंबर पर), एमेजॉन (चौथे नंबर पर) और जियो मार्ट (9वें नंबर पर) जैसे लोकप्रिय ऐप को भी पीछे छोड़ दिया है। मीशो के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी विदित आत्रे मीशो की बढ़ती लोकप्रियता के दो कारण बताते हैं। 

आत्रे कहते हैं, ‘हम देश के छोटे शहरों एवं कस्बों में पहुंच रहे हैं। हम 6,000 से अधिक जगहों में अपनी पहुंच दर्ज करा चुके हैं। इस समय शीर्ष छह शहरों (महानगर शामिल नहीं) से हम 85 प्रतिशत तक कारोबार हासिल कर रहे हैं।’ आत्रे ने कहा कि दूसरा कारण यह है कि महिलाओं के लिए फैशन एवं लाइफ स्टाइल से लेकर बच्चों के परिधान, कपड़ों और खेल सामग्री तक कंपनी अपना दायरा बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘अब किराना खंड में भी हम दस्तक दे रहे हैं, इसलिए मीशो पर लेनदेन बढ़ता ही जा रहा है।’ किराना खंड में मीशो का मुकाबला जियो मार्ट, एमेजॉन, फ्लिपकार्ट और टाटा समूह के बिग बास्केट से होगा। इनमें सभी देश के किराना खंड में अपनी मौजूदगी एवं हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती हैं। 
दूर-दराज क्षेत्रों में भी रोजमर्रा की वस्तुएं पहुचाने के लिए वे छोटे किराना दुकानदारों को अपने साथ जोडऩे की भरपूर कोशिश कर रही हैं। मीशो की पहुंच इन सभी कंपनियों से अधिक है मगर यह भी किराना दुकानदारों को पुनर्विक्रेता (बिक्री के मकसद से सामान खरीदने वाले कारोबारी) के रूप में शामिल करने पर विचार कर रही है। मीशो का दावा है कि रोजाना 1.4 करोड़ से अधिक सक्रिय ग्राहक उसके ऐप का इस्तेमाल करते हैं। कंपनी ने यह भी कहा कि उसके ऐप के जरिये 2 लाख से अधिक वितरक और लघु एवं मझोले उद्यम (एसएमई) अपने बिना ब्रांड वाले मगर सस्ते सामान बेचने हैं। 

कंपनी ने फेसबुक और सॉफ्टबैंक की मदद से 49 करोड़ डॉलर रकम जुटाई है जिसका इस्तेमाल यह कुछ खास क्षेत्रों के लिए करेगी। कंपनी किराना कारोबार खड़ा करने, अधिक से अधिक शहरों में कदम रखने, सस्ती वस्तुओं की पेशकश कर सबसे निचले आर्थिक तबके  तक पहुंचने और तकनीक की मदद से लेनदेन आसान बनाने पर विशेष रूप से जोर दे रही है। 
हालांकि आत्रे कहते हैं कि अगले एक वर्ष के दौरान कंपनी का पूरा ध्यान कारोबार बढ़ाने पर होगा। कंपनी आईपीओ लाने के बारे में नहीं सोच रही है। उन्होंने कहा, ‘हम अपने निवेशकों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं मगर फिलहाल कोई भी पहल करने के लिए हमारे पास पर्याप्त पूंजी उपलब्ध है।’

कंपनी अपने ऐप के जरिये सामान बेचने वाली इकाइयों से उनके उत्पादों के प्रचार एवं प्रसार से राजस्व अर्जित करती है। कंपनी विक्रेता और पुनर्विक्रेताओं से नाम मात्र का कमीशन लेती है। मगर आत्रे ने कहा कि एक बार कारोबार मजबूती से जमाने के बाद कंपनी दूसरे माध्यमों से भी कमाई करने पर विचार करेगी। मीशो का कारोबार ढांचा भी दूसरी ई-कॉमर्स कंपनियों से अलग है। ऐप के अलावा कंपनी गृहिणियों की मदद लेती हैं जो अपने मित्रों एवं सगे-संबंधियों को व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम के जरिये उत्पादों के बारे में बताती हैं और ऑनलाइन खरीदारी करने में उनकी मदद करती हैं।

First Published - August 13, 2021 | 1:33 AM IST

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