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बेहतर संभावना के लिए स्थानीय डेवलपर कर रहे वैश्विक रियल्टी फर्मों से तालमेल

Last Updated- December 15, 2022 | 4:38 AM IST

देश के स्थानीय प्रॉपर्टी डेवलपर ऑफिस प्रॉपर्टी के क्षेत्र में डेवलपमेंट मैनेजमेंट (डीएम) पार्टनर के रूप में वैश्विक रियल एस्टेट डेवलपरों के साथ तालमेल कर रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय किरायेदारों और निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
डीएम में जमीन के मालिक पर मंजूरियों व निर्माण शुरू होने के पहले की अन्य प्रक्रियाओं की जिम्मेदारी होती है, वहीं अन्य पार्टनर एक शुल्क के एवज में निर्माण, विपणन, लीजिंग और अन्य काम  देखता है।
अब तक ज्यादातर आवासीय संपत्तियों के लिए डीएम हो रहे थे, लेकिन अब वाणिज्यिक संपत्ति डेवलपर भी इसे अपना रहे हैं। आवासीय परियोजनाओं में डेवलपर परियोजना की टॉपलाइन का  12 से 15 प्रतिशत शुल्क के रूप में लेते हैं।
हाल ही में बेंगलूरु के डीएनआर समूह ने हाइंस के साथ समझौता किया है, जो अमेरिका की वैश्विक डेवलपरों और निवेशकों में से एक है। यह समझौता बेंगलूरु में 10 लाख वर्गफुट की कार्यालय परियोजना के लिए हुआ है।
डीएनआर समूह के प्रबंध निदेशक विपुल कुमट ने कहा, ‘इससे परियोजना में अंतरराष्ट्रीय फ्लेवर आएगा और उनके बहुराष्ट्रीय फर्मों से संबंध भी होते हैं, जिससे परियोजना की लीजिंग में मदद मिलेगी।’ कुमत ने कहा कि उनकी कंपनी बेंगलूरु की कुछ और परियोजनाओं के लिए भी हाइंस के साथ समझौता करने की संभावना तलाश रही है।
हाइंस के भारत के कंट्री हेड और प्रबंध निदेशक अमित दीवान ने कहा, ‘हम डीएम को भारत में अपनी हिस्सेदारी के विस्तार की एक राह औक नए भौगोलिक क्षेत्र में प्रवेश के रूप में देख रहे हैं। हम इन परियोजनाओं में निवेश को लेकर भी अपने विकल्प खुले रखे हैं, लेकिन परियोजना के मालिक को इस पर फैसला करना होगा कि उनकी पूंजी की जरूरत कितनी है।’
उन्होंने कहा कि हाइंस ने अब तक दो समझौते किए हैं और कुछ और पर समझौते होने वाले हैं। बहरहाल उन्होंने समझौते के प्रावधानोंं की गोपनीयता को देखते हुए डेवलपरों के नाम का खुलासा करने से इनकार किया है।
सूत्रों का कहना है कि हाइंस ने नवी मुंबई के एक डेवलपर ग्रीनस्कैप के साथ डीएम पर हस्ताक्षर किया है और वह उसके साथ सैटेलाइट शहर के थुर्बे इलाके में 10 लाख वर्गफुट के कार्यालय की परियोजना पर काम कर रही है।
अमेरिका के एक और डेवलपर और निवेशक टिशमैन स्पेयर ने पुणे की मुत्था समूह के साथ 10 लाख वर्गफुट के लिए पिछले साल समझौता किया था। परियोजना का कुल क्षेत्रफल 45 लाख वर्गफुट है।
सूत्रों ने कहा कि टिशमैन पुणे में दो अलग परियोजनाओं मेंं 32 लाख वर्गफुट के लिए बात कर रही है, जिनमें से एक बड़े किरायेदार के लिए बिल्ट टु सुईट (बीटीएल) है।
टिशमैन स्पेयर के साथ पहले काम कर चुके एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘वैश्विक डेवलपरों के साथ डीएम से स्थानीय डेवलपरों को शीर्ष डेवलपरों से प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी और वे परियोजना के  फाइनैंशियल क्लोजर में मददगार होंगे।’ इस मसले पर टिशमैन से प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
टिशमैन स्पेयर ने 15 लाख वर्गफुट की बेंगलूरु की परियोजना के लिए गोल्डमैन सैक्स के कंस्ट्रक् शन मैनेजर के रूप में भी काम किया है।
इसके अलावा वह मॉर्गन स्टैनली के लिए 10 लाख वर्गफुट की परियोजना कर रही है, जिसने हाल ही में मुंबई में ओबेरॉय रियल्टी से जगह ली है। बेंगलूरु के एक स्थानीय डेवलपर से भी टिशमैन डीएम कर रही है, जो बेंगलूरु के हेब्बल इलाके में 14 लाख वर्गफुट की परियोजना के लिए है।
कैपिटल मार्केट के प्रबंध निदेशक सौरभ शतदल ने कहा, ‘डेवलपर संयुक्त उद्यम बनाने के बजाय जमीन रोककर रखना चाहते हैं। लेकिन वे फॉर्चून 500 कंपनियों को आकर्षित भी करना चाहते हैं। अगर वे बेचना चाहते तो बेहतरीन किरायेदार का आधार और बेहतरीन बिल्डिंग के कारण बेहतर निवेशक पा सकते थे।’
शतदल ने कहा कि कुशमैन ने हाल के महीनों में इस तरह के कई डीएम सौदों में सलाहकार के रूप में काम किया है।  उन्होंने कहा, ‘या तो जमीन का मालिक बाहर की कंपनी के साथ डीएम कॉन्ट्रैक्ट करता है या संयुक्त उपक्रम कंपनी बनाता है, जिसमें निर्माण का काम स्थानीय डेवलपर करता है।’

First Published - July 20, 2020 | 12:12 AM IST

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