2020-21 में ऋण पोर्टफोलियो में एलआईसी के एनपीए में कमी और निरंतरता में सुधार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:37 AM IST

शेयर बाजारों में अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम से पहले सरकारी क्षेत्र की दिग्गज बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के ऋण पोर्टफोलियो में गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) में कमी आई है और इसके निरंतरता अनुपात में भी सुधार हुआ है। यह उपलब्धि तेरहवें महीने और इकसठवें महीने दोनों में हासिल हुई है।
वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी का सकल एनपीए 39 आधार अंक घटकर एक वर्ष पहले के 8.17 फीसदी से 7.78 फीसदी रह गई। दूसरी तरफ बीमाकर्ता का सकल एनपीए वित्त वर्ष 2021 में 74 आधार अंक घटकर 0.05 फीसदी रह गई जिससे संकेत मिलता है कि बीमाकर्ता ने अपने बही खाता में सफाई करने के लिए शुद्घ एनपीए में कमी लाने के लिए भारी प्रावधान किए हैं।     
तेरहवें महीने का निरंतरता अनुपात वित्त वर्ष 2021 में बढ़कर 67 फीसदी हो गया जो वित्त वर्ष 2020 में 61 फीसदी रहा था। निरंतरता अनुपात ऐसे पॉलिसीधारकों का अनुपात होता है जो कुल पॉलिसियों की संख्या के संदर्भ में अपने नवीनीकरण प्रीमियम का भुगतान जारी रखते हैं। वार्षिक प्रीमियम के सदर्भों में अनुपात पहले के 72 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 79 फीसदी हो गया। इसी तरह से 61वें महीने का निरंतरता अनुपात पॉलिसी के संदर्भ में वित्त वर्ष 2021 में सुधरकर 48 फीसदी हो गया जो वित्त वर्ष 2020 में 44 फीसदी पर रहा था और वार्षिक प्रीमियम संदर्भों में अनुपात 54 फीसदी से बढ़कर 59 फीसदी हो गया। बीमाकर्ता का कुल राजस्व वित्त वर्ष 2021 में 10.7 फीसदी बढ़कर 6.82 लाख करोड़ रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 2020 में 6.16 लाख करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2021 में बीमाकर्ता का शुद्घ प्रीमियम 4.03 लाख करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2020 के 3.79 लाख करोड़ रुपये से 6.33 फीसदी अधिक है। एक ओर जहां पहले वर्ष के प्रीमियमों में 41.4 फीसदी की कमी आई वहीं नवीनीकरण प्रीमियम 8.82 फीसदी बढ़े और एकल प्रीमियम में 25 फीसदी का इजाफा हुआ।    
एलआईसी का कर बाद लाभ (पीएटी) वित्त वर्ष 2021 में 6.9 फीसदी बढ़कर 2,906.77 करोड़ रुपये हो गया और पीएटी का कुल आमदनी के साथ अनुपात 0.004 पर बना रहा। वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी का निवेश प्रतिफल 7.42 फीसदी रहा जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह 7.54 फीसदी रहा था। वित्त वर्ष 2021 में ब्याज, लाभांशों और किराये से इसकी सकल कमाई 2.34 लाख करोड़ रुपये रही जो 2.16 लाख करोड़ रुपये से 8.33 फीसदी अधिक है।
जहां तक नए कारोबारी प्रदर्शन की बात है तो गैर-संबद्घ कारोबार में जीवन कारोबार से प्रीमियम आमदनी वित्त वर्ष 2021 में 1.55 फीसदी कम रही लेकिन पेंशन कारोबार ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 33 फीसदी की वृद्घि नजर आई।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में नए कारोबारी प्रीमियम के संदर्भों में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 67.52 फीसदी रही जबकि पॉलिसियों की संख्या के संदर्भों में यह 66.74 फीसदी रही।

First Published : July 18, 2021 | 11:36 PM IST