भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने महामारी से उत्पन्न जोखिमों के समाधान के लिए एक पूल के निर्माण की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए कार्य समूह का गठन किया है। समूह आठ हफ्तों में अपनी रिपोर्ट जमा कराएगा।
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा लेकिन कंपनियां नुकसान का दावा नहीं कर सकीं, क्योंकि उनके बीमा कवर में परिसंपत्ति को नुकसान से होने वाला घाटा शामिल नहीं था। यह प्रावधान कारोबार में व्यवधान से होने नुकसानों में लाभ के नुकसान की भरपाई के लिए जरूरी होता है। बीमाकर्ता यह सुझाव दे रहे हैं कि महामारी में कारोबार में व्यवधान के नुकसान की देखभाल का एक मात्र तरीका पूल का निर्माण करना है।
बीमा नियामक ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी से उत्पन्न जोखिमों को दूर करने के लिए दीर्घावधि समाधानों का पता लगाने की जरूरत है और भविष्य में इसकी तरह का संकट उत्पन्न होने पर सुरक्षा की पेशकश करने की आवश्यकता है।’