दुनिया में सार्स-सीओवी-2 का पहला टीका लाने की होड़ के बीच वैश्विक स्तर के स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा कि यह टीका दुनिया के लिए उपलब्ध हो सके। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि भारत की तकनीकी क्षमताएं (चाहे वह टीके के लिए हो या किसी और चीज के लिए) सिर्फ भारत और भारतीयों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए होगी। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड टीका निर्माण सुनिश्चित करने के लिए बेहतरीन वैज्ञानिक और नैतिक सिद्धांतों के साथ-साथ नियामक तंत्र मौजूद है। पॉल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘यह किसी और की नहीं बल्कि हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की निगरानी में हो रहा है।’
यूरोपीय आयोग द्वारा कोविड-19 के लिए विशेष सलाहकार के रूप में नियुक्त किए गए सूक्ष्मजीव विज्ञानी पीटर पायट ने ‘टीका राष्ट्रवाद’ के बढ़ते विचार की आलोचना करते हुए कहा कि दुनिया को टीका उपलब्ध कराने में भारत की अहम भूमिका है। पायट ने देश की शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संस्था आईसीएमआर द्वारा आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय टीका संगोष्ठी में कहा, ‘आपके बिना हमारे पास दुनिया में सेवाएं देने के लिए पर्याप्त टीके नहीं हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट, बायोलॉजिकल ई, भारत बायोटेक जैसी टीका निर्माता कंपनियां हैं और इनके बगैर दुनिया को टीका देना संभव नहीं है। भारत पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)जीएवी कोविड-19 के टीका गठबंधन कोवैक्स में शामिल होने के लिए दिलचस्पी दिखा चुका है जो टीका निर्माताओं और देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि संसाधनों की साझेदारी कर टीका विकास के जोखिम भी साझा कर लिए जाएं। वहीं आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव का कहना है कि भारत कम लागत वाले टीकों के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक रहा है जो 150 से अधिक देशों को टीके की आपूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए दूसरे देशों के सहयोग की आवश्यकता भी होगी।
भारत में रणनीतिक विकल्प नहीं हर्ड इम्युनिटी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत की आबादी को देखते हुए हर्ड इम्युनिटी (सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता) रणनीतिक विकल्प नहीं हो सकता। मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि जब तक कोविड-19 का टीका नहीं बन जाता तब तक इस संबंध में उचित आचार-व्यवहार का पालन करना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय में विशेष कार्याधिकारी राजेश भूषण से कहा कि सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारी से परोक्ष बचाव का एक तरीका है। भाषा