भारत के पास कोविड से लडऩे के लिए पर्याप्त मेडिकल साधन : मोदी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 12:36 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेताया है कि मॉनसून के कारण कोविड-19 के मामलों का प्रबंधन मुश्किल हो सकता है। उन्होंने कहा कि कारोबारियों व कार्यालयों को प्रतिबंध हटने के दूसरे चरण की तैयारी करने की जरूरत है और इसमें सामाजिक दूरी व मॉस्क के इस्तेमाल का निश्चित रूप से पालन किया जाना चाहिए, जिससे बीमारी पर काबू पाया जा सके। मोदी ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य सेवा संबंधी सुविधाओं को बढ़ाया गया है, लेकिन आगे इसे और मजबूत करने की जरूरत है, जिससे इस बीमारी को हराया जा सके। मोदी ने आज कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए अब भारत के पास पर्याप्त मेडिकल साधन मौजूद हैं।
 मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत के दूसरे दिन आज बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की। मोदी ने कहा कि जब भारत में संकट आया तो भात के पास संक्रमण की इस बीमारी से निपटने के सभी साधन कम थे। उसके बाद से पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई), डाइग्नोस्टिक सुविधाओं और वेंटिलेटरों के विनिर्माण में तेजी लाई गई और अब इन चीजों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘महज 3 महीने पहले पीपीई किट और डाइग्नोस्टिक किट की दुनिया भर में कमी थी। भारत में भी हमारे पास सीमित स्टॉक था, लेकिन आज एक करोड़ से ज्यादा पीपीई किट और इतनी ही संख्या में एन95 मास्‍क राज्यों में पहुंच चुके हैं।’ उन्होंंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी जारी रखी जाएगी।
मोदी ने कहा, ‘कोरोनावायरस महामारी से ज्यादा से ज्यादा लोग ठीक हो रहे हैं। अफरातफरी की कोई जरूरत नहीं है। हमें कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहित करने और इस महामारी से लड़ाई जारी रखने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि भौतिक स्वास्थ्य उपकरणों के अलावा मरीजों को भावनात्मक समर्थन दिए जाने की भी जरूरत है, जो इस बीमारी के चपेट मं आ गए हैं और उनका उपचार चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे समय में बैठक की है, जब चीन के साथ सीमा पर लंबे समय से खींचतान चल रही है और इस दौरान सीमा पर शहीद हुए जवानों की याद में 2 मिनट का मौन भी रखा गया।
कुछ मुख्यमंत्रियों ने अपनी समस्याओं और उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक से दूरी बनाई क्योंकि उन्हें उन मुख्यमंत्रियों में शामिल नहीं किया गया था, जिन्हें बोलना था। बनर्जी ने बैठक में मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को भेजा था।

First Published : June 17, 2020 | 11:40 PM IST