दिल्ली में विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमत को संशोधित कर 33,575.37 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया जो मई में इसके 21,448.62 रुपये प्रति लीटर से 56.5 फीसदी अधिक है। इसकी वजह है कि एटीएफ की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ, गैर सब्सिडी वाले रसोई गैस (एलपीजी) के 14.2 किलोग्राम के सिलिंडर की कीमत 11.5 रुपये बढ़कर 593 रुपये हो गई। भले ही पिछले हफ्ते घरेलू विमान सेवा आरंभ हो गई, मांग अपेक्षाकृत कम है। एटीएफ की कीमत में जहां 15 दिनों में एक बार बदलाव किया जाता है तो एलपीजी की कीमत में मासिक आधार पर बदलाव होता है।
एक वरिष्ठ एचपीसीएल अधिकारी ने कहा, ‘कीमतों में वृद्धि की एक बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में एटीएफ की कीमतों में उछाल आना है। घरेलू स्तर पर एटीएफ कीमत का निर्धारण एक फॉर्मूला पर किया जाता है और फरवरी से इसकी कीमत का रुझान नीचे बनी हुई थी।’ मुंबई में एटीएफ की कीमत 38,543.48 रुपये प्रति लीटर रही जबकि कोलकाता में यह 33,070.56 रुपये प्रति लीटर थी।
इस साल फरवरी तक एटीएफ की कीमत 65,000 रुपये प्रति लीटर की उच्च दायरे में थी जिसमें इस साल के आरंभ में अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट होने के बाद से कमी आने लगी। इस साल फरवरी में कीमतें 64,323.76 रुपये प्रति लीटर रही थी।
इक्रा में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रविचंद्रन ने कहा, ‘तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) आयात अंतर कीमत का अनुसरण करती हैं। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत भी चढ़कर अब करीब 38 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। कच्चे तेल की कीमतों में यह इजाफा और एटीएफ की बेहतर मांग से कीमतों में वृद्धि हुई है।’
अगर एटीएफ के दाम में 1 डॉलर की बढ़ोतरी होती है तो एयरलाइंस के मुनाफे पर 0.5 से 07 प्रतिशत का असर पड़ता है।