कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों से केंद्र सरकार ने बातचीत कर गतिरोध सुलझाने का आज प्रयास किया लेकिन वह बेनतीजा रहा। इस बारे में अब दोनों पक्षों के बीच 3 दिसंबर को बातचीत होगी।
केंद्र सरकार ने किसानों के प्रतिनिधियों से तीनों कृषि कानूनों को लेकर अपनी शिकायतें 2 दिसंबर तक देने के लिए कहा है, उसके अगले दिन इस मसले पर चर्चा के लिए फिर से बैठक होगी।
इस बीच किसानों ने दिल्ली की दो सीमाओं पर अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय किया है। उनका कहना है कि अन्य किसान समूहों के साथ दूसरे इलाकों में भी प्रदर्शन किया जाएगा।
आज की बैठक में 30 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की, जिनमें ज्यादातर पंजाब से जुड़े किसान संगठन शामिल थे। सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश मौजूद रहे। आज की बैठक में केंद्रीस गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथा सिंह शामिल नहीं हुए।
राष्ट्रीय किसान महासंघ के अध्यक्ष हानन मौला, मध्य प्रदेश के किसान नेता शिव कुमार शर्मा (काकाजी) और भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह के साथ पंजाब के कई किसान नेताओं ने बैठक में किसानों के मुद्दे पर चर्चा की।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन का एक धड़ा आगे की चर्चा के लिए कृषि मंत्री के पास गए हैं। सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ करीब दो घंटे चली बैठक में किसान तीनों कृषि कानूनों को लागू नहीं करने के मुद्दे पर अड़े रहे, वहीं केंद्र सरकार ने किसानों के मसले को देखने के लिए एक समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया।
केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित समिति में किसानों के प्रतिनिधि के साथ सरकारी अधिकारी शामिल होंगे जो कृषि कानून से संबंधित सभी प्रावधानों के बारे में स्पष्टीकरण देंगे।
हालांकि कुछ किसान समूहों ने कहा कि वह समिति के गठन के बाद भी आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक समिति अपनी रिपोर्ट नहीं देगी तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे। विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को लग रहा है कि नए कृषि कानून आने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और वे पूरी तरह बड़ी कंपनियों के पाले में आए जाएंगे। हालांकि सरकार लगातार कहती रही है कि नए कानूनों से किसानों को बेहतर अवसर मिलेंगे और कृषि क्षेत्र में नई तकनीकें आएंगी। बैठक में भाग लेने पहुचे तोमर ने कहा, ‘किसानों की चिंता दूर करने के लिए हम चर्चा के लिए तैयार हैं। देखें चर्चा कैसी रहती है।’
तोमर ने कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद सरकार समाधान खोजने का प्रयास करेगी। वार्ता केंद्र के इर्द-गिर्द सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए कए थे।
बैठक से कुछ घंटे पहले केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, तोमर, गोयल और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने किसानों के प्रदर्शन पर गहन चर्चा की थी।
