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बंदरगाह परियोजनाओं में 2035 तक 82 अरब डॉलर का निवेश करेगी सरकार

Last Updated- December 12, 2022 | 7:32 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने आजा वैश्विक निवेशकों से भारत को अपना पसंदीदा निवेश स्थल बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत बंदरगाह क्षेत्र में साल 2035 तक 82 अरब डॉलर (6 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेगा। समुद्री नौवहन क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी, जलमार्गों का विकास किया जाएगा, समुद्री विमान सेवाएं शुरू होंगी और तटीय क्षेत्रों में प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकासित किया जाएगा।
समुद्री नौवहन क्षेत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों से कहा कि भारत के 7,500 किलोमीटर तटरेखा को विकसित करने के लिए पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने 31 अरब डॉलर (2.25 लाख करोड़ रुपये) की 400 परियोजनाओं का खाका तैयार किया है। सरकार ने हाल ही में जहाजरानी मंत्रालय का नया नामकरण कर समुद्री क्षेत्र के दायरे में विस्तार किया है ताकि कार्यों को व्यापक तरीके से पूरा किया जा सके।  
मोदी ने निवेशकों को भारत के बंदरगाहों, पोता कारखानों और जलमार्गों में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा, ‘सागरमाला परियोजना के तहत 574 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की गई है। इन पर 82 अरब डॉलर की लागत आने का अनुमान है। इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन 2030 और 2035 के बीच किया जाएगा। हमारे बंदरगाह में निवेश कीजिए, हमारे लोगों में निवेश करें और भारत को अपना पसंदीदा व्यापार स्थल बनाएं। अपने व्यापार और वाणिज्य के लिए भारतीय बंदरगाहों को अपना बंदरगाह बनाएं।’ भारतीय बंदरगाहों पर अब सीधे बंदरगाह पर डिलीवरी, सीधे बंदरगाह पर प्रवेश और आंकड़ों के आसान प्रवाह के लिए उन्नत बंदरगाह समुदाय प्रणाली की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
बड़े बंदरगाहों की क्षमता को बढ़ाकर 155 करोड़ टन कर दिया गया है जो 2014 में 87 करोड़ टन थी। मोदी ने कहा कि भारतीय बंदरगाहों ने घरेलू और बाहरी कार्गो के लिए प्रतीक्षा समय को कम कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘भारत समुद्री क्षेत्र में प्रगति करने और दुनिया की अग्रणी नीली अर्थव्यवस्था बनने के प्रति बहुत गंभीर है।’ फिलहाल तटीय कोंकण के पालघर जिले में वधवान बंदरगाह, ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले में पारादीप बंदरगाह और गुजरात के कच्छ जिले में कांडला आधिकारिक तौर पर दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट पर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा वाले बड़े बंदरगाहों को विकसित किया जा रहा है।  उन्होंने कहा, ‘यह हमारी सरकार है जो जलमार्गों में निवेश कर रही है। घरेलू जलमार्ग किफायतीऽ माल के परिवहन के लिए पर्यावरण के अनुकूल हैं।’

First Published - March 2, 2021 | 11:21 PM IST

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